23 अक्टूबर 2022/ महासमुंद/ पटाखा गोदामो व दुकानो मे अक्सर विस्फोट से दुर्घटना होते आप ने सुना व देखा होगा ,इसलिए शासन – प्रशासन ने पटाखा बेचने व उसके भण्डारण के कडे नियम बना रखे है ,पर महासमुंद जिले मे इन नियमो का पालन केवल कागजो तक ही समिति है और प्रशासनिक लापरवाही के कारण पटाखा व्यवसायी अपनी मनमानी व नियमो की अनदेखी कर रिहायसी इलाके मे ही सारा पटाखा डम्प कर किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहे है और प्रशासन चुप्पी साधे किसी बडे दुर्घटना का इंतजार कर रहा है ।मीडिया ने जब प्रशासन से इस पर सवाल किया तो प्रशासन रटारटाया राग अलापते हुवे कार्यवाही की बात कर रहा है ।

दरअसल महासमुंद जिले मे पटाखा बिक्री के लिए लगभग 30 व्यवसायियों को जिला प्रशासन ने स्थाई लाइसेंस दिया है । लाइसेंस मे दुकान के लिए अलग स्थान व पटाखा भण्डारण के लिए अलग स्थान पर गोदाम का लाइसेंस दिया गया है । जिसकी क्षमता 100 किलोग्राम बारुद की है । पटाखा भण्डारण के लिए आबादी क्षेत्र से बाहर का स्थान पटाखा व्यवसायियों द्वारा दिया गया है , पर लगभग एक भी गोदाम मे वर्षो से पटाखा का भण्डारण नही किया गया है । प्रशासन से मिली गोदामो के लिस्ट के अनुसार पटाखा गोदामो मे कही वाहन जाने का रास्ता नही , कही भवन खण्डहर मे तब्दील है , कही मुर्गी पालन किया जा रहा है , कही पत्थर पॉलिश किया जाता ,कही डामर प्लांट है ,तो कहीं मछली पालन किया जा रहा एवं कही रिहायसी इलाके है ।

मकान मालिक धनंजय साहू व गणेश राम ध्रुव ने स्पष्ट बताया कि हमने किसी भी व्यवसायी को पटाखा भण्डारण के लिए स्थान किराये पर नही दिया है ।

कुछ लोगो ने कैमरे पर आने से मना करते हुवे आफ द रिकार्ड बताया कि किराया नामा के लिए दिये है ,पर वर्षों से भण्डारण नही किया जाता है ।

नियमानुसार पटाखा व्यवसायी को पहले 3 वर्ष के लिए और अब 5 वर्ष के लिए स्थाई लाइसेंस जिला प्रशासन द्वारा दिया जा रहा है । लाइसेंस जारी करने से पहले राजस्व विभाग द्वारा स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट दिया जाता और पुलिस विभाग लाइसेंस प्राप्तकर्ता का क्रिमिनल रिकार्ड एवं पटाखा भण्डारण के लिए स्थान उपयुक्त है कि नही उसका रिपोर्ट देता है फिर जिला प्रशासन लाइसेंस जारी करता है । उसके बावजूद व्यवसायियों के द्वारा गोदामों मे पटाखा का भण्डारण नही करना कई सवालो को जन्म देता है । मसलन प्रत्येक वर्ष लाखो मे बिकने वाले पटाखा का भण्डारण आखिर कहां किया जाता है ? प्रशासन ने लाइसेंस देने से पहले क्या जांच की ? लाइसेंस देने के बाद कभी जांच की क्या ? रिहायसी इलाके मे पटाखा भण्डारण से कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ? आदि ।

पुलिस विभाग की ए एस पी श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय ने बताया कि अब कमेटी बनाकर जांच की जायेगी ।

 

 

 

कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने कहा कि जानकारी मिली है इसके लिए एक टीम गठित की गयी है ,जो जांच करके रिपोर्ट सौपेगी उस आधार कार्यवाही की जायेगी ।

 

 

 

 

अब देखना होगा कि पटाखा भण्डारण संबंधित जमीनी हकीकत सामने आने के बाद प्रशासन कोई बड़ी कार्यवाही करता है या फिर जांच का हवाला देकर पूरे मामले को ठण्डे बस्ते मे डाल दिया जायेगा ।

 

 

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