2 फरवरी 2025/ महासमुंद/ वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद मे 2025-26 का बजट पेश किया । बजट के संदर्भ मे भाजपा जिला अध्यक्ष ने प्रेसवार्ता लेकर बजट की खासियत बताई । जिला अध्यक्ष ऐतराम साहू ने प्रेसवार्ता मे बताया कि इस बजट से प्रधानमंत्री का वह वचन फिर से पूरा हुआ है कि जिन्हें कोई नहीं पूछता, उन्हें मोदी पूजते हैं। समाज के मध्यम वर्ग और श्रमिक वर्गों के उत्थान के लिए यह बजट ऐतिहासिक और क्रांतिकारी होगा। यह भारत के सुनहरे भविष्य का दस्तावेज है। स्वतंत्र भारत के इतिहास के चंद ऐतिहासिक बजटों में से यह एक है। जो प्रावधान इस बजट में किए गए हैं वो केवल प्रधानमंत्री ही कर सकते हैं। इस बजट ने सिद्ध कर दिया है कि आने वाला समय भारत का है और भारत का स्वर्णिम युवा युग शुरू हो गया है। भारत अब विश्व का नेतृत्व करेगा यह तय हो गया है। पेश हुआ यह बजट एक ऐतिहासिक बजट है, जिसे भारत देश में हमेशा याद रखा जाएगा। देश के टैक्स पेयर और मध्यम वर्ग का सम्मान करते हुए मोदी सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया है जिसकी कल्पना भी लोगों को नहीं थी, पूर्व की सरकार में जहां 2 लाख रुपए की आय पर टैक्स लगता था, मोदी जी की सरकार में 12 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं लगेगा। प्रधानमंत्री ने तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर देशवासियों को बजट के माध्यम से पूरे देश को एक बड़ी सौगात दी है। यह बजट भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की अवधारणा से पूरिपूर्ण समावेशी और विकास को एक ऊंची उड़ान देने वाला और क्रांतिकारी बदलाव के साथ एक सुदृढ़ और सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना को साकार करने वाला है। केंद्र का यह बजट राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट है। यह बजट 3D को समर्पित है अर्थात डी फॉर डेवलपमेंट, डी फॉर डिमांड, डी फॉर डिजिटाइजेशन डेवलपमेंट के माध्यम से विकसित भारत की संकल्पना को पूरा करना। डिमांड से समाज में समग्र पूर्ति की बातें और डिजिटलाइजेशन से समाज में नए भारत और विकसित भारत के संकल्प को पूर्ण करने का फैसला लिया गया है। जिस तरह से GYAN यानी G-गरीब, ४- युवा, A-अन्नदाता और N- नारी शक्ति को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है। इस बजट में कृषि की उत्पादकता बढ़ाने, दालों के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने, किसानों के लिए यूरिया फैक्ट्री लगाने और किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने के निर्णय किसानों की तरक्की के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। किसानों से मोटे आनाज को केंद्र सरकार तीन गुना अधिक दामों पर खरीद रही है। साथ ही खरीफ और रबी की फसलों में एमएसपी में बढ़ोत्तरी की गई है। इसके अलावा 109 प्रकार की उन्नत किस्म किसानों को प्रदान की गई हैं। खाद्य तेल, तेंदूपत्ता उत्पादन और प्राकृतिक खेती के लिए राष्ट्रीय मिशन योजनाओं से किसानों की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव आया है।