4 मार्च 2025/ महासमुंद /बारनवापारा अभ्यारण जिला बलौदाबाजार के वन ग्राम से 399 परिवारों को दस वर्ष पूर्व महासमुंद जिले के रामसागार पारा ( भावा) , श्रीरामपुर एवं लाटादादर मे लाकर शासन द्वारा बसाया गया था ,पर आज तक इन ग्रामो को राजस्व ग्राम घोषित नही किये जाने से सैकड़ों परिवारों को कई ( जाति प्रमाण पत्र , निवास प्रमाण पत्र , किसान क्रेडिट कार्ड , वृद्धा पेंशन आदि ) शासकीय योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है जिससे ग्रामीण परेशान है और आला अधिकारी कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर है । ग्रामीण जहां अपना दुखड़ा बताकर राजस्व ग्राम घोषित करने की मांग कर रहे है ,वही आला अधिकारी इन ग्रामीणो की मांग को जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कह रहे है ।
दरअसल बारनवापारा अभ्यारण्य के वनो मे बसे 399 परिवारों मे से 168 परिवारों को वर्ष 2013 मई मे महासमुंद जिले के ग्राम पंचायत भावा के आश्रित ग्राम रामसागरपारा मे बसाया गया था । उस वक्त प्रत्येक परिवार को 12 डिसमिल मे मकान बनाकर दिया गया और जीविकोपार्जन के लिए प्रत्येक परिवार को 5-5 एकड़ भूमि खेती- किसानी के लिए दी गयी थी। उस वक्त के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इसे राजस्व ग्राम बनाने के साथ सभी मूलभूत सुविधा प्रदान करने की बात कही थी ,पर आज दस वर्ष से ज्यादा हो जाने के बाद भी ये ग्राम न तो राजस्व ग्राम घोषित हुआ और न ही इन परिवारों की जमीन आनलाइन हुई , जिससे इन ग्रामवासियों को शासन की कई महत्वपूर्ण योजनाओ से वंचित होना पड़ रहा है । उदाहरण के तौर पर इन परिवारों के बच्चों का जाति प्रमाण पत्र , निवास प्रमाण पत्र नही बन पा रहा है और इन लोगो का किसान क्रेडिट कार्ड , वृद्धा पेंशन , मनरेगा का जाब कार्ड , किसान सम्मान निधि , बैंक से ऋण नही मिल रहा है । परिवार के जिस सदस्य के नाम मकान ,खेती जमीन का पट्टा है उसके मौत के बाद परिवार के दूसरे सदस्य के नाम नामांतरण नही हो पा रहा है , जिससे ये परिवार परेशान है । इसके अलावा भावा से रामसागर पारा की दूरी लगभग डेढ़ किमी है वो भी कच्चा रास्ता होने के कारण ग्रामीणों को बरसात मे काफी दिक्कत होती है । डेढ़ किमी के कच्चे रास्ते पर एक पुलिया है वो भी क्षतिग्रस्त है । उसके टूट जाने पर गांव का संपर्क ग्राम पंचायत से टूट जायेगा । ग्रामीणो से ग्राउंड जीरो पर जाकर न्यूज मंच ने खास बातचीत की तो ग्रामीण ज्ञान चंद बारिक , नंद कुमार यादव , दुलुक राम यादव , दिनेश यादव , नागेन्द्र ठाकुर ने बताया कि राजस्व ग्राम घोषित नही होने से हम लोगो को कई शासकीय योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है ।
कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने बताया कि इनका आवेदन हमें प्राप्त हुआ है जल्द से जल्द राजस्व ग्राम घोषित कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जायेगा ।
गौरतलब है कि बारनवापारा वन ग्राम के 135 परिवार को वर्ष 2012 में महासमुंद जिले के श्रीरामपुर मे बसाया गया था और बारनवापारा वन ग्राम के 96 परिवार को वर्ष 2013 मे लाटादादर मे लाकर बसाया गया था ,जो अभी तक राजस्व ग्राम घोषित नही हो पाया है । बहरहाल देखना होगा कि इन ग्रामीणो की मांग कब तक पूरा होगी और ये अपने साथ अपने बच्चो का भविष्य बना पायेगें ।