17 नवम्बर 2024/ महासमुंद / जिले के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण नगरवासी कभी भी गंभीर बीमारी के चपेट मे आ सकते है । ताजा मामला अस्पतालो से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का है ,जिसे खुलेआम कही भी फेंकने की अनुमति नही होने के बावजूद अस्पतालो से निकले वाले बायो मेडिकल वेस्ट को खुलेआम एन एच 353 के किनारे फेंक दिया गया है । जिससे मनुष्य के साथ – साथ वन प्राणी भी गंभीर बीमारी के चपेट मे आ सकते है और महामारी का रुप भी ले सकता है ,पर स्वास्थ्य विभाग इन सब से अंजान है । जहां सामाजिक कार्यकर्ता इसे स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही बताते हुवे सख्त कार्यवाही की मांग कर रहे है ,वही स्वास्थ्य अमला अब संज्ञान मे आने के बाद जांच कराकर कार्यवाही करने का आश्वासन दे रहा है ।
महासमुंद जिले से गुजरने वाली एन एच 353 पर शहर से महज 5 किमी की दूरी पर सड़क के किनारे लगभग 40-50 पैकेट मे अस्पतालो से निकले वाले बायो मेडिकल वेस्ट को खुलेआम फेंक दिया गया है । जिसमे उपचार के दौरान इस्तेमाल बैंडेज , सिरिंज , दवाओ की खाली बोतल , ड्रीप की खाली बोतल , मास्क , हैण्ड ग्लबस , प्लास्टर पट्टी , आपरेशन के दौरान निकलने वाले मेडिकल वेस्ट आदि है ,जो इतना बदबू दे रहा है कि कोई वहां से गुजर नही सकता है । अगर कोई जानवर उसे खा ले तो वो मर भी सकता है । इंसान भी गंभीर बीमारी के चपेट मे आ सकता है । ये बायो मेडिकल वेस्ट लगभग एक हफ्ते से फेंका पड़ा है वो भी एन एच 353 से महज 20- 30 मीटर की दूरी पर , स्वास्थ्य विभाग को पता ही नही है ।
नियम क्या कहता है —
नियमानुसार सरकारी अस्पताल एवं निजी अस्पताल प्रबंधन इसे खुले मे नही फेंक सकते है । अस्पताल प्रबंधन इस बायो मेडिकल वेस्ट को शासन द्वारा निर्धारित किये एस एम एस कंपनी को देगा या फिर निर्धारित मापदंड के सार्प पीट , डीप पीट दो अलग- अलग गड्ढे खोदकर डिकम्पोज करेगा ।
सामाजिक कार्यकर्ता पंकज साहू इसे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बताते हुवे जांच कर दोषियो पर कड़ी से कडी कार्यवाही मांग कर रहे है ।
इस पूरे मामले पर स्वास्थ्य विभाग के नर्सिंग एक्ट के नोडल अधिकारी डा छत्रपाल चन्द्राकर का कहना है कि इस तरह का कृत्य नियम के विरुद्ध है । जिसकी जांच कराई जायेगी और जो लोग भी दोषी पाये जायेगे उन पर सख्त कार्यवाही की जायेगी । इस तरह के बायो मेडिकल वेस्ट से मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है ।
गौरतलब है शासन ने अस्पतालो से निकले वाले बायो मेडिकल वेस्ट को अस्पतालो से उठाने के लिए एस एम एस कंपनी को ठेका दिया है ,जो सप्ताह मे दो या तीन दिन आती है और इस बायो मेडिकल वेस्ट को ले जाते है । बहरहाल देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग के जांच मे क्या तथ्य निकलकर सामने आता है और ऐसे लापरवाह अस्पतालो पर क्या कार्यवाही होती है या फिर जांच का हवाला देकर पूरे प्रकरण को ठंडे बस्ते मे डाल दिया जाता ये आने वाला समय ही बतायेगा ।