न्यूज मंच डेस्क / 8 जून 2024/ पहाड़ियों पर पौधा रोपण , पहाड़ियों पर हरियाली ये दोनो शब्द सुनकर एक सपना लगता है । इस सपने को साकार कर दिखाया है महासमुंद जिला वन विभाग और दो गांव ( अवराडबरी , बोईरगांव ) के ग्रामीणो ने , जिन्होंने अपने परिश्रम से पहाडो के चट्टानों पर न केवल पौधा रोपण किया ,बल्कि उसकी सुरक्षा कर एवं पौधो मे पानी डालकर आज पहाड़ी को हरा भरा कर डाला है ।

महासमुंद मुख्यालय से 25 किमी की दूरी पर बसा है ग्राम पंचायत अवराडबरी । अवराडबरी का आश्रित गांव बोईरगांव । ये गांव चारो तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है । पहाड़ियों से घिरे होने के कारण गर्मियों मे यहां का तापमान ज्यादा होता है , जिससे ग्रामीणो को काफी परेशानी होती है । इस समस्या से ग्रामीणो को निजात दिलाने एवं पर्यावरण संरक्षण को देखते हुवे वन विभाग ने फाइकस हिल्स योजना के तहत भीम पहाड़ी पर पौधा रोपने का सोचा और इसकी जिम्मेदारी सहायक वनपरिक्षेत्र अधिकारी नरेन्द्र चन्द्राकर को दी । नरेन्द्र ने ग्रामीणो की मदद से 15 लीटर वाले टिन के तेल डिब्बो के उपरी व निचली सतह काटकर उसमे मिट्टी डाले और फाइकस प्रजाति के पौधो जैसे ,पीपल , बरगद , कदम आदि पौधो को उस टिन मे लगा कर पहाडो की दरारे जहाँ थी उन दरारो पर उसे रखकर उसमे ट्री गार्ड लगाकर जाम कर दिया और रोजाना पानी के लिए ग्रामीण आसपास के बोर से बोतल मे पानी लेकर आते है और डालते है । बरसात मे भीम पहाड़ी पर भीम अंगूठा के नाम से एक छोटा सा गड्ढा है जिसमे पानी रुकता है । ये गड्डा एक बार भर जाये तो लगभग एक हफ्ते पानी की पूर्ति हो जाती है । ग्रामीण इस गड्ढे से पानी को बोतल मे भरकर पौधो मे डालते है । वन विभाग व ग्रामीण भीम पहाड़ी पर 17 जुलाई 2023 मे पौधा लगाये थे । इन लोगो की मेहनत रंग लाई और आज ये पौधे चार से पांच फुट के हो गये है और पहाड़ी पर अब हरियाली दिखने लगी है ।

ग्रामीम नंद कुमार निषाद , मुकुंद सिन्हा ने बताया कि हमने सपने मे भी नही सोचा था कि पहाड़ी को हरा भरा किया जा सकता है । पहाड़ी के हरा भरा हो जाने से हम ग्रामीणो को जहाँ बढ़ते तापमान से राहत मिलेगी , वही पर्यावरण संरक्षण मे भी सहायक होगा ।

वनमण्डालाधिकारी पकज राजपूत ने बताया कि जब भी राजस्व भूमि पर पेडो की कटाई होती है तो पौधे लगाने होते है । उसी के तहत भीम पहाड़ी के उपर फाइकस हिल्स योजना के तहत फाइकस प्रजाति के पौधे लगाये गये है । फाइकस प्रजाति के पौधो की खासियत होती है कि वह चट्टानों के दरारो पर जो मिट्टी होती है उसमे आसानी से लग जाते है और दरारो से उनकी जडे अंदर जाकर अपनी जगह तो बनाती ही है और पानी भी प्राप्त कर लेती है । फाइकस प्रजाति के पौधे ज्यादा आक्सीजन देते है ।

गौरतलब है कि वन विभाग ने भीम पहाड़ी पर 100 पौधे लगाये थे और चण्डी मंदिर के पीछे के पहाड़ी पर 50 पौधे लगाये थे , जिनमे से एक वर्ष बाद केवल एक ही पौधा मरा शेष 149 पौधे आज भी जीवित है ।

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