न्यूज मंच डेस्क / 3 जुलाई / 2024 / महासमुंद/ आप ने सर्व सुविधा हेतु अस्पताल तो बहुत देखे होगे पर हम आज आप को ऐसे अस्पताल के बारे में बताने जा रहे है। जहाँ न तो डाक्टर और न ही मरीज जाना चाहेंगे । महासमुन्द जिला मुख्यालय में स्वास्थ्य विभाग ने नागरिको को उनके मोहल्ले में ही चिकित्सा और दवाईया उपलब्ध कराने के लिये वैलनेस सेंटर (स्वास्थ्य सुविधा केन्द्र) का निर्माण कराया है । ये चारों वैलनेस सेन्टर अपने आप में अजूबे साबित हो रहे है। खतरों से भरे बिना रोड वाले , गंदगी के अंबार मे , तालाब के मेड पर एवं एक जगह तो हद ही पार कर दी है वैलनेस सेंटर के ऊपर से विद्युत का हाई टेंशन वायर गुजरा है ।
महासमुन्द जिला मुख्यालय में निचली और गरीब बस्तियों में स्वास्थ्य सुविधाये और दवाईया उपलब्ध कराने के लिये स्वास्थ्य विभाग चार वार्डो मे वेलनेस सेन्टर बनाया है । गुड़रूपारा में वैलनेस सेटर को आधा तालाब पर बना दिया है हैरानी की बात यह है कि वैलनेस सेन्टर का मुख्य द्वार तलाब की ओर ही है बरसात में तालाब भरने पर पानी अस्पताल तक जायेगा । पार्किंग की व्यवस्था नही है और न ही बाउण्ड्री , उद्घाटन के पहले ही टूटना शुरू हो गया है । वही मौहारीभाठा मे हाई वोल्टेज तार के नीचे बना दिया गया है जहां खतरे की आशंका हमेशा बनी रहेगी । तीसरा वैलनेस सेंटर पिटियाझर मे ठीक बजबजाती गन्दगी और नालियों के बगल मे एवं सार्वजनिक भवन के आगे बना दिया गया है। जिससे रंग मंच के सामने का द्वार बंद हो गया है । चौथा वैलनेस सेंटर रावण भाटा मैदान मे गंदगी के बीच रावण की मूर्ति के बगल में निर्माणाधीन है। अब नागरिक इसे स्वास्थ्य सुविधा केन्द्र की बजाय दुविधा केन्द्र बता रहे है ।
महासमुंद के चारो वेलनेस सेन्टर को बनाने के लिए शासन ने प्रति वेलनेस सेन्टर 22 लाख 26 हजार रुपये की स्वीकृति दी है और निर्माण एजेंसी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन लिमिटेड रायपुर को बनाया है । जिसके लिए 10 जनवरी 23 को कार्यादेश जारी हुआ और एक वर्ष मे पूरा कर लेना था ,पर कार्य एजेंसी के लापरवाही के कारण कार्य अवधि समाप्त होने के 6 माह बाद भी स्वास्थ्य विभाग को वेलनेस सेन्टर हैण्ड ओवर नहीं हो पाया है और कार्यालय चिकित्सा अधिकारी ,शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी ने खण्ड चिकित्सा अधिकारी को लिखित मे शिकायत की है कि वेलनेस सेन्टर की गुणवत्ता संतोषजनक नही है ।
निर्माण एजेंसी के जूनियर इंजीनियर लेखराम ठाकुर ने बताया कि निरीक्षण मे कुछ कमिया पायी गयी थी जिसे दूर किया जा रहा है और वैसे भी तीन साल तक मेनटेनेंस करना होता है ,जो कमी पायी जायेगी उसे सुधार कर लिया जायेगा ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा पी कुदेशिया ने बताया कि इस मामले मे निर्माण एजेंसी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारी को अवगत करा दिया गया है ,जो कमी है उसे दूर करने की बात उनके द्वारा की जा रही है और जो आवश्यक कार्यवाही होगी उसे किया जायेगा ।
गौरतलब है कि समयावधि पूर्ण होने जाने के बाद भी कार्य पूर्ण नही होने पर और स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर के माध्यम से निरीक्षण के दौरान पाई गयी कमी और गुणवत्ता संतोषजनक नही होने की लिखित शिकायत पर देखना होगा कि अब स्वास्थ्य विभाग क्या कार्यवाही करता है