न्यूज मंच डेस्क /12 जुलाई 2024/ महासमुंद/ जिले मे स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट इंग्लिश, हिन्दी माध्यम स्कूल के बच्चो से किसी भी प्रकार की फीस नही लेने के नियम के बावजूद जिले के सभी स्वामी आत्मानंद स्कूलो मे बच्चो से फीस लेने का मामला सामने आया है । जहां बच्चे फीस लेने की बात को बता रहे है और प्राचार्य अपना तर्क दे रहे है , तो वही शिक्षा विभाग के आला अधिकारी नियम विरुद्ध फीस लेने पर कार्यवाही करने की बात कह रहे है ।
बता दे कि वर्ष 2021 से शासन बच्चो को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए निजी इंग्लिश माध्यम स्कूलों के तर्ज पर छत्तीसगढ़ प्रदेश मे स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट इंग्लिश व हिन्दी माध्यम स्कूल संचालित करना शुरु किया । इसी कड़ी मे महासमुंद जिले मे भी वर्ष 2021 से लेकर अभी तक 13 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट इंग्लिश व हिन्दी माध्यम स्कूल संचालित है , जिसमे हजारो बच्चे अध्ययनरत है । वर्ष 2022 मे बालोद जिले मे बच्चो से अलग-अलग मद मे फीस लेने पर शासन ने एक पत्र जारी कर आदेशित किया था कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट इंग्लिश , हिन्दी माध्यम स्कूल शासन की महत्वाकांक्षी योजना है । जिसमे बच्चो को नि:शुल्क शिक्षा , गणवेश , पुस्तक , सायकल प्रदान करना है । उसके बावजूद महासमुंद जिले के सभी स्कूलो मे सत्र 2023-24 तक स्काउट , रेड क्रास , विज्ञान , विज्ञान क्लब , खेल , परीक्षा , आई कार्ड आदि के नाम पर अलग – अलग कक्षा मे अलग – अलग फीस ( 410 , 445 , 780 रुपये) ली गयी ,जो नियमानुसार नही लेनी थी । स्वामी आत्मानंद के छात्रो ने बताया कि स्कूल प्रबंधन के द्वारा अलग-अलग मद मे फीस ली गयी है ।
स्वामी आत्मानंद स्कूल के प्राचार्यो ने बताया
स्वामी आत्मानंद स्कूल पटेवा के प्राचार्य समीर प्रधान व स्वामी आत्मानंद स्कूल बागबाहरा की प्राचार्य श्रीमती मधु सिरमौर ने बताया कि स्कूल के पास फीस नही लेने का स्पष्ट दिशा- निर्देश नही होने के कारण फीस ली गयी है ,जो शिक्षा विभाग के पास मौजूद है और स्पष्ट आदेश नही होने के कारण इस वर्ष फीस नही ली जा रही है ।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया
जिले के जिला शिक्षा अधिकारी मोहनराव सांवत ने बताया कि फीस लेने का नियम नही है । ये बाते संज्ञान मे आने के बाद जांच के आदेश दिये गये है जांच के बाद नोटिस जारी कर जवाब मगाया जायेगा और संतोष जनक नही हुआ तो कार्यवाही की जायेगी ।
गौरतलब है कि नियम नही होते हुवे भी बच्चो से फीस ली गयी ,जो कई सवालो को जन्म देता है । मसलन बच्चो से फीस लेने की बात क्या वाकई जिला शिक्षा अधिकारी को नही पता था ? शासन के पत्र का पालन क्यो नही कराया गया ? और अब जब सारा मामला उजागर हो गया है तो शिक्षा विभाग क्या कार्यवाही करेगा ? बहरहाल देखना होगा कि शिक्षा विभाग ने जो फीस बच्चो से ली है उसे कब तक वापस करता है और जिम्मेदारो पर क्या एक्शन लेता है ।