20 जुलाई 2024 / महासमुंद/ शिक्षा का स्तर सुधारने एवं गुणवत्ता बढाने को लेकर शासन तमाम कोशिशें कर रहा है ताकि इन बच्चो का भविष्य उज्जवल हो सके ,परन्तु शिक्षा सत्र शुरु होते ही स्कूलो मे शिक्षक की मांग को लेकर तालाबंदी एवं कलेक्ट्रोरेट व शिक्षा विभाग के कार्यालय का पालक व बच्चो के द्वारा चक्कर लगाना आम बात है ,पर शासन व शिक्षा विभाग शिक्षको की कमी सालो से दूर नही कर पा रहा है और पालक व बच्चे शिक्षा विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर है ।
महासमुंद जिले मे प्राथमिक , मिडिल , हाई एवं हायर सेकेण्डरी मिलाकर कुल 1960 सरकारी स्कूल है । जिनमे 10540 शिक्षको का सेटअप है और वर्तमान मे 7006 शिक्षक कार्यरत है और 3534 शिक्षक का पद खाली है । ताजा मामला गढसिवनी के हायर सेकेंडरी स्कूल का है । जहां तीन से चार सालो से भौतिक व जीव विज्ञान के शिक्षक नही है । जिसके कारण छात्र-छात्राओ की पढाई प्रभावित हो रही है । जब कोई व्यवस्था नही होती है तो ये बच्चे पालक के साथ मिलकर पिछले साल स्कूल मे तालाबंदी कर दिये थे । उसके बाद शिक्षा विभाग के आला अधिकारी वहां जाकर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत गणित के शिक्षक को भौतिक एवं रसायन के शिक्षक को जीव विज्ञान पढाने का आदेश जारी कर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लिये । शिक्षक कुछ दिन पढ़ाते है फिर पहले जैसी स्थिति हो जाती है । जिसका असर बच्चो के परीक्षा परिणाम पर भी देखने को मिल रहा है । इस वर्ष भी वही समस्या बरकरार है । 26 जून से स्कूल मे पढाई शुरु हुई है ,पर आज तक भौतिक व जीव विज्ञान की कक्षा संचालित नही हो पा रही है । परेशान होकर बच्चे पालको के साथ शिक्षा विभाग आकर शिक्षक की फरियाद कर रहे है । पालक रोशनदास मानिकपुरी एवं छात्रा नीतू साहू ने बताया कि तीन – चार सालो से दोनो विषयो के शिक्षक नही है और हमारे बच्चो की पढाई नही हो पा रही है । यही कारण है कि काफी बच्चे टीसी लेकर दूसरे स्कूलो मे चले गये है ।
इस पूरे मामले पर शिक्षा विभाग के सहायक संचालक सतीश नायर ने बताया कि व्याख्याता की कमी तो है ,पर वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर गणित के व्याख्याता को भौतिक विज्ञान व रसायन के व्याख्याता को जीव विज्ञान पढाने का आदेश जारी कर बच्चो की पढाई सुचारु रुप से जारी रखी जायेगी ।
गौरतलब है कि जिले मे 126 हाईस्कूल व 62 हायर सेकेंडरी स्कूल है । जिनमे 2186 व्याख्याता के पद स्वीकृत है । जिनमे से 1419 व्याख्याता कार्यरत है और 767 व्याख्याता के पद खाली है । ऐसे मे बच्चो का भविष्य क्या होगा इसका अंदाजा आप सहज ही लगा सकते है ।