5 दिसंबर 2024/ महासमुंद/ शासन की मंशा अनुरूप किसानो को धान उपार्जन केन्द्र मे कोई परेशानी न हो और किसान को अपने उपज का सही वजन व मूल्य मिले , इसके लिए समितियों मे इलेक्ट्रॉनिक कांटा व नमी मापक यंत्र दिया गया है ,पर समितियो मे किसानो से वारदाने के वजन से ज्यादा वजन धान के तौल मे काटा जा रहा है तो कही धान नमी के नाम पर किसानो को कई बार धान समितियों मे लाकर वापस ले जाना पड़ रहा है । किसान इन समस्याओं से जहां परेशान है , वही आला अधिकारी शिकायत आने का इंतजार कर रहे है ।
महासमुंद जिले मे समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 1 लाख 62 हजार 323 किसानो ने अपना पंजीयन कराया है । जिले मे 130 समितियों के 182 धान उपार्जन केन्द्रो के माध्यम से 14 नवंबर से धान खरीदी की जा रही है । जिले को इस वर्ष 12 लाख 45 हजार 963 मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य मिला है और अभी तक जिले मे 39878 किसानो से 1 लाख 87 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी हुई है । धान खरीदी केन्द्रो मे किसानो को काफी परेशानी हो रही है । ताजा मामला जिला मुख्यालय से सटे सहकारी समिति बरोण्डा एवं 12 किमी दूर सहकारी समिति बिरकोनी का है जहां खाली वारदाने का वजन 550 ग्राम है ,पर किसानो से 700 ग्राम वजन बोरे का काटा जा रहा है । एक किसान से प्रति क्विंटल लगभग 400 ग्राम वजन ज्यादा लिया जा रहा है । शासन के नियमानुसार खाली वारदाने का वजन जो होगा उसके साथ 40 किलो धान की तौलाई करनी है । इसी प्रकार नमी के नाम पर किसानो को परेशान किया जा रहा है । किसान टोकन तिथि के अनुसार जब अपना धान लेकर समिति पर आते है तो नमी मापक यंत्र से नमी नापा जाता है । एक मशीन से एक ही धान का चार बार नमी नापने मे अलग अलग नमी आता है । 17 प्रतिशत से ज्यादा नमी आने पर किसानो का धान वापस कर दिया जा रहा है ,जिससे किसानो को धान लाकर बेचने मे दो से तीन बार ट्रैक्टर भाड़ा व डीजल खर्च कर धान लाना व ले जाने पर पड रहा है । जिससे किसान परेशान है ।किसान व जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर चन्द्राकर ने बताया कि इस समस्या से किसान परेशान है ।
सहकारी समिति बरोण्डा के प्रभारी रोमस साहू ने बताया कि सभी समिति मे खाली वारदाने का वजन 700 ग्राम लिया जा रहा है ,जो किसानो के समक्ष उन्हे बताकर लिया जाता है ।
इस पूरे मामले पर जिला विपणन अधिकारी ने बताया कि जितना खाली वारदाने का वजन है उतना ही लेना है अगर ज्यादा ले रहे है तो गलत है । अभी तक कोई शिकायत नही आई है । सूचना केन्द्र मे शिकायत आयेगी तो कार्यवाही की जायेगी ।
गौरतलब है कि इस तरह किसानो के परेशान होने के कारण शासन की छवि धूमिल हो रही है , बहरहाल अब देखना होगा कि आला अधिकारी के संज्ञान मे आने के बाद कार्यवाही होती है या फिर धान खरीदी कंट्रोल रुम मे शिकायत आने का इंतजार किया जाता है ।