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10 जुलाई 2025/ महासमुंद/ महर्षि विद्या मंदिर महासमुन्द के प्रांगण में गुरु पूर्णिमा एवं महर्षि आध्यात्मिक जनजागरण अभियान के अंतर्गत सामुहिक सुन्दरकाण्ड पाठ एवं हनुमान चालीसा का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य आर के तिवारी एवं अतिथियों के रूप में शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय महासमुन्द की प्राचार्य श्रीमती करुणा दुबे एवं डॉ. रीता पाण्डेय (विभाग अध्यक्ष) के साथ विद्यालय के समस्त शिक्षकगण एवं विद्यार्थीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती एवं गुरुदेव महर्षि महेश योगी जी के समक्ष द्वीप प्रज्वलित कर किया गया ।गुरुपूजन की प्रक्रिया विद्यालय के सिद्धि शिक्षक शुभाषचन्द्र पाण्डेय एवं सरस्वती वंदना का गायन विद्यालय की संगीत शिक्षिका भिमेश्वरी साहू द्वारा किया गया। इसके पश्चात भारतीय संस्कृति की सुन्दर परंपरा “अतिथि देवो भवः” निभाते हुये अतिथियो का स्वागत विद्यालय की शिक्षिकाओ द्वारा किया गया एवं शाला के प्राचार्य का स्वागत विद्यालय के शिक्षको द्वारा किया गया। स्वागत उदबोधन में सर्वप्रथम विद्यालय के प्राचार्य आर के तिवारी ने संस्कृत में ‘गुरु’ का अर्थ होता है अंधकार को दूर करने वाला। गुरु केवल एक शिक्षक नहीं होता, बल्कि हमारे जीवन का मार्गदर्शक भी होता है। ज्ञान और बुद्धि देने से लेकर अपने शिष्यों में अच्छे संस्कार और मूल्य स्थापित करने तक, गुरु हमारे विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत में हम अपने श्रेष्ठ गुरुजनों के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करने के लिए गुरु पूर्णिमा मनाते हैं। इसके पश्चात अतिथि के रूप में उपस्थित शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमती करुणा दुबे ने बताया गुरु पूर्णिमा शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच विश्वास और सम्मान के मजबूत बंधन का उत्सव है। यह हमारे शिक्षकों को धन्यवाद करने का अवसर है, जिन्होंने हमें निःस्वार्थ भाव से ज्ञान और कौशल सिखाए। अंत में सभी विद्यार्थीओ को गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाये दी। इसके पश्चात अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. रीता पाण्डेय (विभाग अध्यक्ष) ने कहा कि हम आज गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर एकत्र हुए हैं, जो हमारे जीवन में गुरुओं के योगदान को याद करने और उन्हें सम्मान देने का दिन है। यह पर्व आषाढ़ माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है और इसे महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में भी जाना जाता है। गुरु वह दीपक हैं जो हमारे जीवन के अंधकार को दूर करके हमें सफलता की राह दिखाते हैं। वे हमारे चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्राचीन काल से ही भारत में गुरु को सर्वोच्च स्थान दिया गया है – “गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वर:” इस मंत्र से गुरु की महानता झलकती है।अंत में उन्होंने माता पिता को प्रथम गुरु बताते हुए उन्हें प्रणाम करने का संदेश प्रदान किया।तत्पश्चात महर्षि आध्यात्मिक जनजागरण अभियान के अंतर्गत सामुहिक सुन्दरकाण्ड पाठ एवं हनुमान चालीसा पाठ विद्यालय के प्राचार्य, अतिथियों, शिक्षको एवं समस्त विद्यार्थीगण द्वारा किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम गीत गायन एवं भाषण की प्रस्तुति ने समस्त शिक्षको एवं अतिथियो के मन को हर्षित किया। कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय के शिक्षक नंदकुमार साहू एवं विद्यार्थीओ के रूप में दुष्यंत साहू एवं ज्योत्सना शर्मा ने किया ।आभार प्रदर्शन विद्यालय के शिक्षक गोविंद सिंह ठाकुर ने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियो को धन्यवाद देकर किया साथ ही विद्यालय के समस्त शिक्षको एवं विद्यार्थियो को भी धन्यवाद देते हुए गुरुपूर्णिमा की शुभकामनाये दी। कार्यक्रम के समापन के बाद सभी विद्यार्थियो एवं शिक्षको को प्रसाद वितरण किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विद्यालय के समस्त शिक्षकगण, विद्यार्थीगण एवं अन्य कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कार्यक्रम को सफलता पूर्वक समाप्त किया ।

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