15 जुलाई 2025/ महासमुंद/आकांक्षी जिला महासमुंद में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खोला गया मेडिकल कालेज में आई सी यू का न होना , इंफ्रास्टैक्चर का न होना , उपकरण की कमी एवं सैंकड़ो स्टाप की कमी के कारण रिफर सेंटर बना हुआ है ।सामाजिक कार्यकर्ता जहां मेडिकल कालेज के इस हालात के लिए शासन-प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि को दोषी मानते हुवे उन पर निष्क्रिय होने का आरोप लगा रहे है ,वही अस्पताल के संयुक्त संचालक सह अस्पताल अधीक्षक इसे शासन स्तर का मामला बताते हुवे रिक्त पदो की सूची शासन को भेज दिये जाने की बात कह रहे है।
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के लिए जिला अस्पताल का अधिग्रहण 7 मई 2021 में किया गया । शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सम्बद्ध चिकित्सालय महासमुंद 380 बेड का अस्पताल है ,पर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी , उपकरणों की कमी , आई सी यू का न होने एवं स्टाफ की कमी के कारण लोगो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नही दे पा रहा है और शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सम्बद्ध अस्पताल एक रिफर सेंटर बनकर रह गया । शासन ने अस्पताल अधीक्षक , सहायक अस्पताल अधीक्षक , केजुअल्टी मेडिकल आफिसर , डायटिशियन , बायोकेमिस्ट , फार्मासिस्ट ग्रेड -2 , स्टाफ नर्स , वार्ड ब्वाय , लैब अटेंडेट , अटेडेंट , रेडियोग्राफर , ईसीजी टेक्निशियन आदि सहित कुल 616 पद स्वीकृत किये है , जिसमें से 41 पदों पर नियुक्ति हुई है और 575 पद वर्षो से खाली पड़े है । जिसके कारण मरीजो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नही मिल पा रहा है और मरीज को यहां से रायपुर मेकाहारा रिफर कर दिया जाता है । सामाजिक कार्यकर्ता पंकज साहू इसके लिए शासन-प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि को दोषी मान रहे है ।
इस पूरे मामले पर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सम्बद्ध चिकित्सालय के संयुक्त संचालक सह अस्पताल अधीक्षक डा बसंत महेश्वरी ने बताया कि कोई भी अस्पताल उपकरण , मानव संसाधन और इंफ्रास्ट्रक्चर के कमी के कारण ही मरीजों को रिफर करता है । वैसे मेडिकल अस्पताल के रिक्त पदो की सूची शासन को भेजा जा चुका है और मौजूदा सुविधा में लोगो को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है ।
गौरतलब है कि महासमुंद मेडिकल कालेज अस्पताल में महासमुंद , गरियाबंद , बलौदाबाजार सहित उड़ीसा प्रदेश से सटे गांव के मरीज इलाज के लिए आते है । ऐसे में स्वीकृत पद का रिक्त होना , उपकरण का न होना एवं इंफ्रास्ट्रक्चर के कमी के कारण चिकित्सक मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नही दे पा रहे है और मरीज को रिफर कर देते है । बहरहाल देखना होगा कि ये कमी कब तक पूर्ण होती है और लोगो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा कब तक मिल पाता है ।