न्यूज मंच डेस्क/ 24 मार्च. 2024 / महासमुंद / देश सहित पूरे प्रदेश में होली की खुमारी चढ़ने लगी है । लोग अपने-अपने तरीकों से रंगों का त्योहार मनाते हैं । छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के घोडारी एवं मुढेना गांव में एक मान्यता और बरसों पुराने रिवाज के कारण होलिका दहन नहीं किया जाता है । गांव में रंग-गुलाल और होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है , पर होलिका दहन नहीं किया जाता ।
ग्राम घोडारी की आबादी लगभग 45 सौ है और ग्राम मुढेना की आबादी लगभग 25 सौ है । घोडारी ग्राम के रामाश्रय यादव एवं सुरेश शर्मा ने बताया कि, उनके दादा-परदादा के जमाने से लगभग 200 साल से गांव में होलिका नहीं जलाई जाती है। त्योहार में गुलाल से सूखी और गीली होली खेली जाती है। नगाड़े बजाए जाते हैं। होलिका दहन नहीं किया जाता। लोगों का मानना है कि कई साल पहले यहां महामारी फैली थी। जिसके बाद उस वक्त के ग्रामीणों ने होलिका जलाना बंद करने का निर्णय लिया । जिसके बाद यहां कभी महामारी नहीं फैली। इस परंपरा को लेकर आज भी ग्रामीण चल रहे हैं। परंपरा का वहन करते हुए होलिका दहन नहीं करते। गांव की इस परंपरा की चर्चा हर साल होली में जरूर होती है।