न्यूज मंच डेस्क/ 28 जून 2024 / महासमुंद/महासमुंद और रायपुर के बीच गले की फाँस अटक गई है , जिसका नाम है ” बेलसोंडा रेलवे क्रासिंग ” । महासमुंद जिला मुख्यालय को राजधानी रायपुर से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 353 पर रायपुर – विशाखापट्टनम रेल मार्ग पर बेलसोंडा रेलवे क्रासिंग बना हुआ है । इस रेलवे क्रासिंग पर ओवर ब्रिज का काम टेंडर पूरा हो जाने के बाद भी शुरू नहीं हो सका है । बेलसोंडा रेलवे क्रासिंग पर कई साल पुराने रेलवे ओवर ब्रिज की माँग कागजी तौर पर पूरी हो गई है । रेलवे ओवर ब्रिज के लिए 58 करोड़ 66 लाख रुपए की राशि भी स्वीकृत हो चुकी है साथ ही टेंडर भी हो चुका है , बावजूद इसके अभी तक ओवर ब्रिज का काम रूका हुआ है ।
*6 हजार से अधिक गाड़ियाँ गुजरती हैं हर रोज*
सितंबर 2023 मे किए गए सर्वे के अनुसार बेलसोंडा रेलवे क्रासिंग से प्रतिदिन 6 हजार से अधिक वाहन आवाजाही करते हैं । यह सर्वे ओवर ब्रिज बनाने के लिए ही किया गया था , ताकि वाहनों की संख्या देखते हुए ओवर ब्रिज का निर्माण कराया जा सके । नेशनल हाईवे होने के चलते इस मार्ग से भारी माल वाहनों के साथ-साथ यात्री वाहन भी गुजरते हैं । अधिकतर रेलवे फाटक बंद होने से देरी तक लंबा जाम लगने की समस्या हमेशा बनी रहती है ।
*एम्बुलेंस और मरीजों को होती है ज्यादा परेशानी*
महासमुंद जिला अस्पताल से रायपुर रिफर किए गए गंभीर मरीजों के लिए बेलसोंडा रेलवे क्रासिंग एक बड़ी समस्या है । इसी रेलवे क्रासिंग से ही महासमुंद के अलावा बागबाहरा और उड़ीसा के गंभीर मरीजों को भी ले जाया जाता है , जो फाटक बंद होने से जीवन – मरण की स्थिति मे फँस जाते हैं । बेलसोंडा रेलवे क्रासिंग पर ओवर ब्रिज बनने के बाद ही इस विकट समस्या से मुक्ति मिल सकती है ।
*1230 मीटर लंबा एवं 12 मीटर चौड़ा बनना है ओवर ब्रिज*
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अनुसार बेलसोंडा रेलवे क्रासिंग पर 1230 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा ओवर ब्रिज बनेगा । इस ओवर ब्रिज मे महासमुंद की ओर बेलसोंडा माल धक्का से वाहनों के चढ़ने के लिए वैली कैप का निर्माण होगा । इसकी लंबाई क्रासिंग तक लगभग 300 मीटर एवं रायपुर की ओर से क्रासिंग तक 425 मीटर होगी । रेलवे क्रासिंग के बीच लोहे का गर्डर होगा । इसके लिए पटरी के दोनो ओर दो-दो पिलर का निर्माण होगा ।
*रेलवे ओवर ब्रिज के लिए हो चुका है टेंडर , मुआवजा के कारण रूका है काम*
बेलसोंडा रेलवे क्रासिंग पर ओवर ब्रिज के लिए मार्च 2023 मे स्वीकृति मिलने के बाद 58 करोड़ 66 लाख रूपए से निर्माण के लिए फरवरी 2024 मे टेंडर का काम भी पूरा हो चुका है । ओवर ब्रिज के लिए जमीन का चिन्हांकन भी हो गया है । मुआवजे के लिए राशि भी स्वीकृत हो चुकी है , लेकिन मुआवजा राशि जमीन मालिकों को नहीं मिलने के कारण जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पाया है । राजस्व विभाग को 90% जमीन का अधिग्रहण कर सौंपना होगा तभी ठेका कंपनी काम की शुरुआत कर पाएगी ।
*ओवर ब्रिज मे 27 लोगों की जमीन , मुआवजा राशि 10 करोड़ 58 लाख रूपए , 5 करोड़ 70 लाख मिला , शेष राशि का इंतजार*
महासमुंद के SDM उमेश कुमार साहू ने बताया कि ओवर ब्रिज के जमीन के लिए 10 करोड़ 58 लाख रुपए की राशि दिया जाना है , जिसमे से 5 करोड़ 70 लाख की राशि मिल चुकी है । शेष राशि NHAI से मिलते ही जमीन का अधिग्रहण होते ही ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा ।
गौरतलब है कि ओवर ब्रिज निर्माण के लिए नागपुर की मेसर्स खेलाडकर कंपनी को काम सौंपा गया है ।