10 जुलाई 2025/ महासमुंद/ नगर के ह्रदय स्थल पर निर्माणाधीन कृषि आदान सह व्यवसायिक परिसर एवं किसान उपभोक्ता बाजार किसानो को मिलने से पहले ही दुकानो की दीवारों मे आई दरारे , परिसर में शाम होते ही हो जाता है असामाजिक तत्वों का जमावड़ा , परिसर मे जगह- जगह बिखरी पड़ी है शराब की बोतले , व्यवसायिक परिसर मे बनी दुकानो की दीवारो में आया पानी का सिपेज , ये है करोड़ों रुपये से बन रहे कृषि आदान सह व्यवसायिक परिसर का हाल । आसपास के नागरिक जहां गुणवत्ताविहीन निर्माण का लगा रहे है और परिसर को असामाजिक तत्वों का अड्डा बता रहे है ,वही कृषि उपज मंडी के आला अधिकारी अब कार्यवाही की बात कह रहे है ।
महासमुंद जिले के कृषकों को एक ही परिसर मे कृषि संबंधित सभी सामान मिल सके इसके लिए शासन ने वर्ष 2021 में 339.32 लाख रुपये से पुरानी कृषि मंडी में कृषि आदान सह व्यवसायिक परिसर अंतर्गत 40 नग दुकान निर्माण करने की स्वीकृति दी , जिसके लिए कार्य एजेंसी कृषि मंडी समिति को बनाया गया है एवं उसी परिसर में 205 लाख रुपये से किसान उपभोक्ता बाजार के लिए लगभग 30 दुकाने बनाने की स्वीकृति प्रदान की गयी और निर्माण एजेंसी बनाया गया मंडी बोर्ड को और वर्ष 2022 में दोनो कार्य का आदेश जगदलपुर के एक ही फर्म मेसर्स करुणाशंकर यदु को दिया गया । कृषि आदान सह व्यवसायिक परिसर का निर्माण 09 माह में और किसान उपभोक्ता बाजार निर्माण का कार्य 06 माह में पूर्ण कर लेना था ,पर आज तीन साल बीत जाने के बाद भी 90 प्रतिशत ही काम हो पाया है । जो दुकाने निर्माण की गयी है उनके दीवारों में अभी से ही दरारे पड़ गयी है । परिसर में निर्माण किये गये दुकानो के दीवारो में सीपेज आ रहा है और समय पर काम पूर्ण नही होने के कारण शाम होते ही इस परिसर में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो जाता है । परिसर मे जगह- जगह शराब की बोतले बिखरी पड़ी है । जिससे आसपास के रहने वालो को काफी समस्याएं झेलनी पड़ रही है । आसपास के नागरिक नरेश नायक ने बताया कि निर्माणाधीन दुकानों की दीवारो में दरारे पड़ गयी है ,जो गुणवत्ताविहिन निर्माण को दर्शाता है । असामाजिक तत्व यहां बैठकर शराब सेवन करते है और लडाई झगड़ा करते है जिससे डर बना रहता है । इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्यवाही होनी चाहिए ।
इस पूरे मामले में कृषि उपज मण्डी के सचिव पुरन सिंह कश्यप ने बताया कि शिकायत संज्ञान में आया है जिसकी जांच कराई जायेगी और जांच में सही पाये जाने पर कार्यवाही की जायेगी ।
गौरतलब है कि 5 करोड़ 44 लाख रुपये से नवनिर्मित कृषि आदान सह व्यवसायिक परिसर और किसान उपभोक्ता बाजार का समयावधि में पूर्ण न होना और हैण्ड ओवर होने से पहले ही दीवारों मे दरारे पड़ना अपने आप में ही कई सवाल खड़ा करते है । बहरहाल देखना होगा कि शासन जिस उद्देश्य के लिए इसका निर्माण करा रही है वह पूर्ण कब तक होगा और किसान इसका लाभ कब तक ले पायेगे ।