03 जून 2025/ महासमुंद/ आम नागरिकों कों सरल कानूनी शिक्षा के माध्यम से जागरूक करने के उद्देश्य से विधिक जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। प्राधिकरण के प्रबंध कार्यालय के अधिकार मित्र हरिचंद साहू ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महासमुंद के अध्यक्ष तथा जिला न्यायाधीश के मार्गदर्शन पर जिले में विधिक जागरूकता विषयों पर आधारित तथा विशेष कानूनी थीम पर अधारित विधिक जागरूकता शिविर आयोजित कर आमजनों को सरल कानूनी शिक्षा के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। इसी परिपेक्ष्य में आज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महासमुंद की सचिव श्रीमती आफरीन बानो द्वारा ग्राम साराडीह और नांदगांव के ग्राम पंचायत भवन पहुंचकर उपस्थित ग्रामीणों को विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दिए जाने वाली विधिक सेवाए एवं सहायता के बारे में विस्तापूर्वक जानकारी दी गई। इसके ग्रामीणों के कानून से संबंधित उत्सुकता पूर्ण प्रश्नों के जवाब सरल भाषा के माध्यम से महिलाओं से संबंधित होने वाले अपराध, यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, टोनही प्रताड़ना अधिनियम तथा नालसा हेल्पलाईन 15100 एवं नालसा पोर्टल के बारे में भी जानकारी दी गई।जागरूकता शिविर में प्राधिकरण की सचिव श्रीमती आफरीन बानो द्वारा जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 ए में सभी के लिए न्याय सुनिश्चित किया गया है और गरीबों तथा समाज के कमजोर वर्गो के लिए निःशुल्क कानूनी सहायता की व्यवस्था की गई है। संविधान के अनुच्छेद 14 और 22 (1) के तहत राज्य का यह उत्तदायित्व है कि वह सबके लिए समान अवसर एवं समानता के आधार पर समाज के कमजोर वर्गो को सक्षम विधिक सेवाए प्रदान करने के लिए एक तंत्र की स्थापना करने के लिए वर्ष 1987 में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम पारित किया गया। जिसके तहत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) का गठन किया गया है, जो कानूनी सहायता कार्यक्रम लागू करने और उसका मूल्यांकन एवं उनके सतत निगरानी का कार्य कर लोगों को कानूनी सहायता एवं सलाह उपलब्ध कराती है। इसी प्रकार प्रत्येक राज्य में एक राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जिसके अंतर्गत उस राज्य के पूरे सभी जिलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा तहसील क्षेत्रों में तालुका विधिक सेवा समिति का गठन किया गया है। इसका कार्य नालसा की नीतियों और निर्देशों को कार्य रूप देना और लोंगो को निःशुल्क कानूनी सेवाए प्रदान कराना होता है।
