20250614 10342620250614 103426

IMG 20250131 WA0001

IMG 20250718 WA0002

IMG 20250717 WA0000

14 जून 2025/ महासमुंद जिले में किसान खरीफ सीजन में धान की फसल के लिए खेती -किसानी में जुट गये , पर सरकारी समितियों में खाद की उपलब्धता नहीं होने के कारण किसान परेशान हैं ,वहीं आला अधिकारी खाद के किल्लत को स्वीकार करते हुवे DAP ( डायमोनियम फाॅस्फेट) खाद की जगह NPK( नाइट्रोजन,फाॅस्फोरस, पोटेशियम) खाद देने की बात कह रहे है ,पर विडम्बना है कि सरकारी समितियों मे NPK खाद भी उपलब्ध नही है ।

महासमुंद जिले मे लगभग 1 लाख 62 हजार किसान पंजीकृत है ,जो खरीफ सीजन में 2 लाख 47 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगायेंगें। जिसके लिए 66 हजार टन खाद का लक्ष्य है । जिसमें यूरिया , पोटास , राखड़ एवं डी ए पी ( विकल्प के तौर पर एन पी के ) की आवश्यकता है । जिसके एवज में 15 हजार टन खाद का भण्डारण किया गया है जिसे वितरण किया जा रहा है । 51 हजार टन खाद अभी उपलब्ध नही हो पाया है । पिछले साल की तुलना में डी ए पी का लक्ष्य घटाकर 5 हजार टन कर दिया गया ,जिसमे 2 हजार टन डी ए पी जिले को मिल पाया था , जिसका वितरण कर दिया गया। वर्तमान में समितियों मे डी ए पी खाद उपलब्ध नही है । इसके एवज मे सरकार समितियों को एन पी के खाद उपलब्ध करा रही है ,पर समितियों मे एन पी के खाद भी उपलब्ध नही है । जिससे किसानो की परेशानी बढ़ गयी है । किसान गोपाल कौशिक , चेतन गायकवाड़ , मनोहर साहू ने बताया कि खेतों मे डी ए पी खाद की ज्यादा आवश्यकता पड़ती है नही तो बहुत नुकसान हो जायेगा । समिति मे डी ए पी व एन पी के दोनो खाद नही है । बाजार से डी ए पी लेंगे तो सरकारी रेट से 400- 500 रुपये महंगा मिलता है ।

सहकारी समिति बरोण्डा बाजार के समिति प्रभारी रोमस साहू ने बताया कि 558 किसानो ने खाद के लिए आवेदन किया है जिसमें से 288 किसानों को खाद दे चुके है । डी ए पी पिछले एक हफ्ते से नही है । 2000 कट्टा के लिए पैसा जमा किये है ,पर 1000 कट्टा ही मिला था । अधिकारी बता रहे है कि डी ए पी खाद नही आयेगा । इसके जगह एन पी के खाद आयेगा ,पर वर्तमान में दोनो खाद नही है ।

इस पूरे मामले मे जिला विपणन अधिकारी टिकेन्द्र राठौर ने बताया कि डी ए पी खाद की शार्टेज है उसकी जगह एन पी के खाद दिया जा रहा है । जैसे – जैसे खाद की उपलब्धता होती जायेगी वैसे – वैसे समितियों को भेजा जायेगा ।

गौरतलब है कि खेती – किसानी शुरु होने से पहले ही खाद- बीज का भण्डारण कर लेने का दावा किया जाता है ,पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बंया कर रही है । बहरहाल देखना होगा कि किसानों को कब तक खाद उपलब्ध हो पाता है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed

error: Content is protected !!

2024 © Website Owned & Copyright by newsmanch.co.in | Themeansar | This Portal is Developed by Saurabh Prasad (Currently Working as a Freelancer & Associate Project Engineer at IIT Guwahati)