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24 सितंबर 2025/ महासमुंद/ शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले सारी व्यवस्था दुरुस्त कर लेने का दावा करने वाले शिक्षा विभाग की कलई साढ़े तीन माह मे ही खुल कर सामने आ गयी है । ताजा मामला महासमुंद जिले के स्कूलो का है । जिले में स्कूल का भवन तो है ,पर शौचालय का हाल बेहाल है । किसी स्कूल मे शौचालय अति जर्जर हो जाने के कारण इस्तेमाल योग नही है और कभी भी जमीदोज़ हो सकता है , किसी स्कूल में शौचालय है ,पर पानी नही है ,जिसके कारण छात्र- छात्राओं को शौचालय के लिए स्कूल से बाहर या फिर घर जाना पड़ता है । जहां शाला समिति के अध्यक्ष व प्रधान पाठक मांग पत्र वर्षो से देकर थक गये है ,पर सालो से कोई रास्ता निकलता नही दिख रहा ,वही शिक्षा विभाग के आला अधिकारी रटारटाया राग अलाप रहे है ।

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महासमुंद जिले में कुल ( प्राइमरी , मिडिल , हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी ) 1956 स्कूल है । जिनमें 1 लाख 99 हजार 892 छात्र- छात्राये अध्ययनरत है । जिले में कुल 78 स्कूल ऐसे है जहां शौचालय अति जर्जर हो जाने के कारण बच्चे इस्तेमाल नही कर पा रहे है और शौचालय के लिए उन्हे स्कूल से बाहर या फिर घर जाना पड़ता है । जिले में कुछ स्कूल ऐसे है जहां शौचालय तो है ,पर पानी की किल्लत होने के कारण बच्चे शौचालय का इस्तेमाल नही करते है । ऐसा ही एक स्कूल ,जो जिला मुख्यालय से महज 7 किमी की दूरी पर है शासकीय प्राथमिक शाला परसवानी , जहां कक्षा पहली से पांचवी तक के 44 छात्र- छात्राये पढ़ाई करते है ,पर स्कूल में शौचालय नही होने के कारण बाहर जाते है । स्कूल में जो शौचालय है वह पूरी तरह से जर्जर हो चुका है । दीवारो में दरारे पड़ गयी छत व दीवार के बीच दरारे साफ देखी जा सकती है । शौचालय की दीवार व छत कभी भी गिर सकता है , जिसके कारण शिक्षक शौचालय में ताला लगा दिये है । शासकीय प्राथमिक शाला परसवानी की त्रिवेणी साहू ने बताया कि पिछले दो वर्षो से शौचालय नही है इसलिए हम लोग बाहर जाते है ,वही हाई स्कूल सिरबोडा सरायपाली के खगेन्द्र ने बताया कि शौचालय तो बना है ,पर पानी नही होने के कारण बाहर जाना पड़ता है ।

ऐसा नही है कि शाला समिति के अध्यक्ष व प्रधान पाठक ने सुध नही ली । ये लोग अपने – अपने स्तर पर शिक्षा विभाग के आला अधिकारी , कलेक्टर , विधायक सबके पास गये आवेदन दिया ,पर कोई सकरात्मक परिणाम नही आया है । शासकीय प्राथमिक शाला परसवानी के शाला समिति के अध्यक्ष पप्पू साहू व प्रधान पाठिका श्रीमती अनिता देवागन ने बताया कि पिछले दो वर्षो से लिख कर दे रहे है ,पर अभी तक कुछ नही हुआ ।

इस पूरे मामले जिला शिक्षा अधिकारी विजय कुमार लहरे ने बताया कि 78 स्कूलों मे शौचालय निर्माण व मरम्मत के लिए ग्रामीण यांत्रिक विभाग को कार्य एजेंसी बनाया गया है ,उम्मीद है कि दो माह के आसपास बन जाना चाहिए ।

गौरतलब है कि शिक्षा विभाग का ये स्लोगन स्कूल आ पढे बर , जिनगी ला गढे बर , पर एक सवाल है कि बिन शिक्षक,जर्जर भवन , शौचालय नही तो बच्चो का भविष्य कैसे गढेगा ?

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