न्यूज मंच डेस्क/ 24 जून 2024/महासमुंद/महासमुंद विधानसभा से 03 बार विधायक रहे एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अग्नि चन्द्राकर का रविवार शाम को रायपुर के निजी अस्पताल मे इलाज के दौरान निधन हो गया । आज सुबह उनका पार्थिव शरीर महासमुंद मे निज निवास एवं कांग्रेस भवन मे आम जनों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा । आम जनों के अंतिम दर्शन और श्रध्दांजलि के उपरांत उनका पार्थिव शरीर नगर भ्रमण के बाद गृह ग्राम लभरा कला ले जाया जाएगा , जहाँ अंतिम संस्कार का कार्यक्रम होगा ।
*स्वच्छ एवं सरल छवि के राजनेता रहे अग्नि चन्द्राकर*
महासमुंद विधानसभा से तीन बार कांग्रेस से विधायक रहे अग्नि चन्द्राकर की पहचान क्षेत्र मे एक सीधे , सरल एवं स्वच्छ छवि के राजनेता के रूप मे रही है । लगभग 40 साल के राजनीतिक सफर मे अग्नि चन्द्राकर पक्ष और विपक्ष मे समान रूप से लोकप्रिय रहे ।
*निर्विरोध सरपंच से तीन बार विधायक तक का सफर किया तय*
स्वर्गीय अग्नि चन्द्राकर ने 40 साल के राजनीतिक सफर की शुरूआत निर्विरोध सरपंच पद पर चुने जाने से की थी । फिंगेश्वर विकासखण्ड के ग्राम सोरिद मे 01 जनवरी 1954 को अग्नि चन्द्राकर का जन्म हुआ । उनके पिता दाऊ रमनलाल चन्द्राकर की तरह अग्नि चन्द्राकर ने भी कृषि को ही अपने व्यवसाय के रूप मे अपनाया । बी. काम. एवं एल. एल. बी. तक उच्च शिक्षित अग्नि चन्द्राकर के राजनीतिक सफर की शुरूआत सन् 1986 मे ग्राम पंचायत धनसुली के निर्विरोध सरपंच चुने जाने से हुई । सन् 1993 मे महासमुंद विधानसभा से पहली बार विधायक निर्वाचित हुए । इसके बाद सन् 1998 मे दोबारा महासमुंद विधानसभा से विधायक बने । सन् 2000 से 2003 तक भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष रहे । सन् 2008 मे महासमुंद विधानसभा से तीसरी बार विधायक चुने गए । स्वर्गीय अग्नि चन्द्राकर सन् 2021 मे छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष मनोनीत किए गए थे , साथ ही उन्हे कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया गया था ।
*महासमुंद जिला निर्माण मे रही अहम भूमिका*
महासमुंद को जिला बनाने मे अग्नि चन्द्राकर की महत्वपूर्ण भूमिका रही । महासमुंद की जनता महासमुंद को जिला बनाने की मांग बड़े जोर शोर से कर रही थी , लेकिन जब अविभाजित मध्यप्रदेश मे नए जिलों की घोषणा हुई तब उसमे महासमुंद का नाम शामिल नहीं था । रायपुर जिले को विभाजित कर धमतरी को जिला बनाया गया , लेकिन महासमुंद की मांग अनसुनी कर दी गई । तब अग्नि चन्द्राकर ने तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को अपने विधायक पद से इस्तीफा भेजकर अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए । उनके इस्तीफे और धरने पर बैठने से सरकार को झुकना पड़ा और अंतत: महासमुंद को जिला बनाने की घोषणा की गई । इस प्रकार महासमुंद जिला बनने के बाद सन् 1998 से 2006 तक अग्नि चन्द्राकर महासमुंद जिले के प्रथम कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भी रहे ।
*अग्नि चन्द्राकर का राजनीतिक जीवन जनसेवा के लिए रहा समर्पित*
विधायक के रूप मे अग्नि चन्द्राकर ने महासमुंद क्षेत्र मे शिक्षा , स्वास्थ्य , सिंचाई , बिजली , सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए पूरी तरह समर्पित हो कर काम किया । पासिद जलाशय , निसदा डायवर्सन सहित अनेक सिंचाई परियोजनाएं उनके प्रयासों से साकार हुई हैं । अग्नि चन्द्राकर का निधन महासमुंद विधानसभा ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण महासमुंद जिला एवं पूरे प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है ।