7 नवंबर 2024/ महासमुंद/ छत्तीसगढ़ मे सहकारी समिति कर्मचारी संघ के हड़ताल का असर महासमुंद जिले मे दिखने लगा है । सहकारी समिति कर्मचारी संघ 4 नवंबर से अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है । हालांकि महासमुंद जिले मे प्रशासन ने सहकारी समिति कर्मचारी संघ को धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी है , लिहाजा संघ काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया है ।

सहकारी कर्मचारियों की मांग

सहकारी समिति कर्मचारियों की मांग है कि मध्यप्रदेश सरकार के तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों के कर्मचारियों के वेतन व अन्य सुविधा लाभ देने हेतु प्रति वर्ष प्रत्येक समितियों को 3-3 लाख रुपये प्रबंधकीय अनुदान राशि देवे , सेवानियम 2018 मे आंशिक संशोधन करते हुवे पुनरीक्षित वेतन मान लागू किया जावे एवं धान परिवहन पश्चात हुई संपूर्ण सुखत को मानते हुवे धान खरीदी अनुबंध मे परिवर्तन करते हुवे प्रासंगिक व सुरक्षा व्यय एवं कमीशन को चार गुना बढाया जावे ।

किसानो को क्या हो रही है परेशानी

महासमुंद जिले के 130 सहकारी समितियों के 182 उपार्जन केन्द्रो के कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से किसानो को KCC ( किसान क्रेडिट कार्ड ) लोन , खाद , बीज , दवाई के लिए भटकना पड़ रहा है , वहीं 408 उचित मूल्य की राशन दुकानें बंद होने के चलते गरीबों को राशन भी नहीं मिल पा रहा है ।

सहकारी कर्मचारी क्या कहते है

सहकारी समिति झालखम्हरिया के प्रबंधक भोजराज साहू एवं सहकारी समिति खट्टी के कर्मचारी बलदाउ प्रसाद सेन ने बताया कि जब तक मांग पूरी नही होगी हमलोग हड़ताल पर रहेगे ।

 

 

सहकारिता के उपायुक्त द्वारिका नाथ ने बताया कि इनकी मांगे शासन स्तर की है जिसपर शासन विचार कर रहा है , वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कम्प्यूटर आपरेट व दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है ।

 

 

 

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