7 मार्च 2025/ महासमुंद/ महासमुंद नगरपालिका आम लोगो को सस्ते दर पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लाखो रुपये खर्च कर वाटर एटीएम लवाया था ,जो नगरपालिका प्रशासन के लापरवाही के कारण आज कबाड़ मे तब्दील हो चुका है और आम जनता आज शुद्ध पेयजल के लिए जद्दोजहद कर रही है ।
नगरपालिका महासमुंद मे वर्ष 2017 मे बस स्टैंड एवं कचहरी मे 9 लाख 50 हजार रुपये प्रति नग के हिसाब से दो वाटर एटीएम लगाये गये ।ताकि आम नागरिक अपने गले की प्यास बुझाने के लिए महंगे बोतल के पानी के बजाये एक रुपये वाटर एटीएम मे डालकर शुद्ध पांच लीटर पानी लेकर प्यास बुझा सके ,पर ये सुविधा महासमुंद नगरवासियो एवं यात्री को महज दो से तीन महीने ही मिल पायी , उसके बाद इस वाटर एटीएम मे जो ग्रहण लगा कि आज तक नही चला और वाटर एटीएम कबाड़ मे तब्दील हो गया । आज आम नागरिक पानी के लिए परेशान है या फिर ज्यादा पैसा खर्च कर पानी बोतल खरीद कर अपनी प्यास बुझा रहे है । आम नागरिक राजीव चंदेल व अर्जित सिंह मक्कड़ ने बताया कि वाटर एटीएम जब लगा था तभी दो तीन महीने चला उसके बाद से आज तक बंद है ।
नगरीय प्रशासन ने इसे लगाने का कार्य नागपुर की कम्पनी राइट वाटर सलूशन को दिया था । विडंबना है कि नगरीय प्रशासन ने वर्ष 2017 मे साढे नव लाख रुपये मे वाटर एटीएम लगवाया और मेंटेनेंस के लिए इसी कंपनी से 6 वर्ष का अनुबंध 2 लाख 75 हजार प्रति नग के हिसाब से कर लिया और आज मशीन सालो से बंद पड़ी है । इस पूरे मामले मे मुख्य नगर पालिका अधिकारी अशोक सलामे ने बताया कि वाटर एटीएम चालू है कि बंद है उसे दिखवाने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा ।
गौरतलब है कि वाटर एटीएम के लिए नगरीय निकाय ने 24 लाख 50 हजार रुपये खर्च कर दिये ,पर 8 साल बाद भी वाटर एटीएम से नगरवासियो को शुद्ध पेयजल नही मिल पाया । अब देखना होगा कि नगरपालिका महासमुंद इस वाटर एटीएम से आम जनता को शुद्ध पानी उपलब्ध करा पाता है कि नही यह एक बड़ा सवाल है ।