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12 मार्च 2025/ महासमुंद/होली के त्योहार के मद्देनजर महासमुंद जिले में होली का बाजार सज गया है । बाजार मे जहां बेलन के आकार की पिचकारी , हथौड़ा के आकार की पिचकारी , त्रिशुल-डमरु आकार की पिचकारी , टैंक बना पिचकारी , डोरेमान आकृति बनी पिचकारी आदि देखने को मिल रही है ,वही दुकानदार , ग्राहक , चिकित्सक सभी हर्बल गुलाल व रंग से होली खेलने की बात कह रहे है ।

महासमुंद जिले मे होली का त्योहार 14 मार्च को मनाया जायेगा । होली के त्योहार के मद्देनजर होली का बाजार सज गया है । इस वर्ष बाजार मे बेलन आकार की पिचकारी , हथौड़ा आकार की पिचकारी , त्रिशुल-डमरु आकार की पिचकारी , टैंक पिचकारी , डोरेमान की फोटो लगी पिचकारी आदि आकर्षण का केन्द्र बनी है । बाजार मे 20 रुपये से लेकर 4 हजार तक की पिचकारी मौजूद है साथ ही तरह – तरह के हर्बल गुलाल , रंग के साथ केमिकलयुक्त रंग भी बाजार मे देखने को मिल रहे है । होली मे फाग गीत और नगाड़ा की आवाज सुनाई न दे तो होली का त्योहार अधूरा सा दिखाता है । यही वजह है कि बाजार मे तरह – तरह के फैंसी व पुराने स्टाइल के नगाड़ो का भी बाजार सज गया है । बाजार मे नगाड़ा 120 रुपये नग से लेकर 700 रुपये नग तक के बाजार मे बिक रहे है । मो नासिर खान दुकानदार ने बताया कि अभी बाजार तो सज गया है ,पर खरीददार कम आ रहे है , उम्मीद है कि एक दो रोज मे बाजार मे रौनक आ जायेगी । इस वर्ष हर्बल गुलाल व रंग की मांग ज्यादा है ।

होली मे बच्चो के लिए रंग पिचकारी खरीदने गये रेखराज देवांगन व भूपेन्द्र पटेल ने बताया कि होली का त्योहार बुजुर्ग , बड़े ,युवा एवं बच्चे सभी अपने तरीके से धूमधाम से मनाते है । बच्चे खासकर तरह – तरह के पिचकारियों से रंग खेलते है ,पर होली हर्बल रंग व गुलाल से ही खेलनी चाहिए ।

मुख्य चिकित्साधिकारी के अनुसार होली का त्योहार कैसे मनाये

होली के त्योहार को लेकर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ पी कुदेशिया ने बताया कि केमिकल रंग से तरह – तरह की बीमारियां होती है इसलिए लोगो को हर्बल रंग व हर्बल गुलाल एवं अपना नाक , कान , आंख बचाकर ही होली खेलनी चाहिए ।

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