4 मई 2025/ महासमुंद/ जिले के ब्लाक बागबाहरा के गांव बंधापार में पीने के पानी के लिये ग्रामीणो को काफी मशक्कत करना पड़ रहा है । गांव के हैण्ड पम्प सूख गये हैं । गांव मे तालाब नहीं है , जल जीवन मिशन के तहत पानी टंक्की बना दी गई है , पर पानी का श्रोत नही होने के कारण यह भी अधूरा पड़ा हुआ है । ग्रामीण गांव से दूर डेढ़ किलो मीटर इस भीषण गर्मी में पैदल चल कर किसान के खेत से पानी लाने को मजबूर है। वही इसके जवाबदार अधिकारी अपनी ढपली अपना राग अलाप रहे है ।
महासमुन्द जिले के ग्राम पंचायत सुअरमाल के आश्रित गांव बंधापार की जन संख्या एक हजार है । इस गांव मे 10 हैण्ड पम्प है । जिसमें से 8 मे पानी नहीं आता 2 हैण्ड का पानी लाल निकलता है जो पीने योग्य नही है । कोमाखान पंचायत से पंचायत के खर्च पर निजी बोर से पाईप लाईन बिछाकर गावं में छोटे – छोटे टंकी में पानी भर ग्रामीण निस्तारी कर रहे थे पर इस भीषण मे वह बोर भी जवाब दे दिया है । गांव में एक भी तालाब नहीं है ।गांव का वाटर लेबल नीचे चला गया है । प्रशासन से लगातार ग्रामीण गुहार लगा रहे है पर प्रशासन अभी तक समुचित व्यवस्था नहीं किया । जिससे ग्रामीणों को दिन भर दिनचर्या के लिये 1½ कि० मीटर दूर खेत के बोर से पानी लाने को मजबूर है। ग्रामीणों जीवराखन टंडन , चंद्रिका कुर्रे , टेक कुमारी ने बताया कि 5 -6 महीने से पानी की किल्लत से परेशान है ।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता डी पी वर्मा ने बताया कि जांच करा पानी के श्रोत का पता लगाकर बोर खनन कराया जायेगा ।
गावं बंधापार में शासन के किसी भी योजना से पीने का पानी नहीं पहुंच रहा है। ग्रामीण लम्बे समय से ऐसी जिन्दगी जीने पर मजबूर है । पर ग्रामीणो को हमेशा आश्वासन ही मिल रहा है । जिससे प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगता है ।