1 जून 2025/ महासमुंद/ जिले में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण काउंसिलिंग के दौरान फोटोग्राफी के लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर महासमुंद बीईओ द्वारा युक्तियुक्तकरण के दौरान बालश्रमिक से काम लिए जाने का मामला सामने आया है। जब नाबालिग से फोटोग्राफी करने संबंधित मीडियाकर्मियों ने अफसरों से सवाल किया तो नाबालिग को तत्काल वहां से हटाया गया।
महासमुंद जिला पंचायत में रविवार को शालाओं और शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण काउंसिलिंग आयोजित किया गया। जिसमें जिला पंचायत सीईओ एस आलोक, एडिशनल कलेक्टर रवि साहू, अपर कलेक्टर रविराज ठाकुर, महिला एवं बाल विकास विभाग के समीर पाण्डेय, जिला शिक्षा अधिकारी विजय कुमार लहरे समेत तमाम अफसरों मौजूद थे। इस काउंसिलिंग का फोटोग्राफी कराया जाने की जिम्मेदारी महासमुंद बीईओ लीलाधर सिन्हा को दी गई थी। बीईओ ने फोटोग्राफी का काम एक फोटो स्टूडियो को दिया था। स्टूडियो संचालक ने एक 15 वर्षीय नाबालिग को जिला पंचायत में फोटोग्राफी के लिए भेजा था। शासकीय कार्य में नाबालिग से काम लिया जा रहा था। नाबालिग से जब उसका उम्र पूछा गया तो उसने 15 साल होना बताया। मीडियाकर्मियों ने जब बालश्रमिक से काम लिए जाने पर सवाल किया तो जिला पंचायत सीईओ ने बीईओ को हड़काया और नाबालिग बालश्रमिक को तत्काल वापस भेजने को कहा और दूसरे फोटोग्राफर को बुलाया गया ।