16 जुलाई 2025/ महासमुंद/ बेटी को अभिशाप मानने वालो को एक बार छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ग्राम सपोस आकर देखना चाहिए कि ग्राम सपोस में बेटी के जन्म पर कैसे खुशियां मनाई जाती है और ग्राम पंचायत की तरफ से नवजात कन्या के नाम 5 हजार रुपये फिक्स डिपाजिट करा दिया जाता है ताकि आगे चलकर बच्ची के पढ़ाई व लालन-पालन में कोई समस्या न आये ।
महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लाक का ग्राम पंचायत सपोस , जिसे ग्रीन सपोस के नाम से जाना जाता है क्योकि इस गांव का प्रत्येक घर हरे रंग में रंगा हुआ है । इस ग्राम में प्रतिदिन सुबह राष्ट्र गान होता है । यहां की कुल आबादी 2070 है ,जिसमे महिलाये 1045 व पुरुष 1025 है और 512 परिवार सपोस व आश्रित ग्राम गबोद में रहते है । पिछड़ा वर्ग बाहुल्य इस गांव के लोगो का मुख्य व्यवसाय खेती- किसानी है । यहां के सरपंच बेटी बचाओं , बेटी पढ़ाओ अभियान से प्रेरित होकर बेटियों के लिए एक योजना बनाई , जिसे नाम दिया ” सरपंच बिटियारानी सहायता योजना ” इस योजना के तहत सरपंच ने ग्राम पंचायत को मिलने वाले आय के बचत पैसे से ग्राम के गरीब व मध्यम परिवार में जन्मी बेटियों के नाम डाकखाने में 5 हजार रुपये बेटी व उनके माता के ज्वाइंट एकाउंट में फिक्स करा देते है । बेटी जब 18 वर्ष की होगी तो उसे लगभग 30 से 35 हजार रुपये मिलेंगे । सरपंच ने इसकी शुरुआत वर्ष 2018 में की , तब से लेकर आज तक ग्राम में जन्मी 47 बेटियों के नाम सरपंच ने 2 लाख 35 हजार रुपये जमा करा चुके है । अभी 15 से 20 बेटियां और है जिनके नाम सरपंच 5 हजार रुपए फिक्स डिपाजिट करायेंगे । सरपंच किशोर बघेल ने बताया कि केन्द्र सरकार के बेटी पढ़ाओ , बेटी बचाओं अभियान से प्रेरित होकर एवं बेटियों को बोझ न समझ कर उनको आगे बढा़ने व समाज में समानता का अधिकार दिलाने के उद्देश्य से इस योजना को संचालित कर रहे है ।
इस योजना के तहत लाभ ले चुकी बेटियों के माता के चेहरे पर एक सुकून भरी मुस्कान देखने को मिलती है । बेटियों की माता आनंद मोती नेताम , दीपिका चौहान ने बताया कि ये सरपंच की अच्छी सोच का परिणाम है ।
कलेक्टर विनय कुमार लंगेह एवं पिथौरा जनपद के अध्यक्ष पुरुषोत्तम घृतलहरे ग्राम पंचायत सपोस की इस अनोखी पहल की सराहना कर रहे है ।
गौरतलब है कि बेटी ही आगे चलकर माता बनती है ऐसा मानने वाले ग्राम सपोस के सरपंच बेटियों के विवाह पर पंचायत की तरफ से 02 हजार का उपहार भी देते है ।