06 अगस्त 2025 /महासमुंद जिले के ग्राम पंचायत बिरकोनी के शासकीय भूमि को पंचायत के बिना प्रस्ताव के मनोरमा इंडस्ट्री को दिए जाने के विरोध में सैंकड़ों ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट पहुंकर कलेक्टर से आपत्ति जताई है। ग्रामीण चारागाह और श्मशान भूमि को उद्योग को देने पर आक्रोशित हैं। जबकि मनोरमा इंडस्ट्री ने 100 साल पुरानी चुहरी तालाब को कृषि भूमि बताकर पहले ही खरीद चुके हैं और इसके लिए बकायदा शासन से स्टांप ड्यूटी में उद्योग के नाम पर 58 लाख से ज्यादा का छूट भी ले चुके हैं। दरअसल ग्राम पंचायत बिरकोनी के औद्योगिक क्षेत्र से दूर खसरा नंबर 2435, 2436, 2619, 2620, 2616, 2614 रकबा क्रमशः 1.72, 0.45, 0.22, 10.95, 0.12 हेक्टेयर कुल खसरा 06, कुल रकबा 3.48 हेक्टेयर भूमि जो शासन के मद में दर्ज है उसे जिला व्यापार एवं उद्योग विभाग महासमुंद को हस्तांतरण किए जाने के लिए तहसीलदार न्यायालय से 23 जुलाई को दावा आपत्ति के लिए ईश्तहार जारी किया गया था। जिसकी भनक लगते ही सैंकड़ों ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर से मनोरमा इंडस्ट्री को भूमि दिए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई है। ग्रामीणों ने बताया कि खसरा नंबर 2485 में चारागाह भूमि है, 2620 में श्मसान भूमि हैं साथ ही उपरोक्त भूमि पर जिला माडल गौठान के तहत रीपा प्रोजेक्ट का कार्य किया गया है । ग्रामीणों के विकास एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए खसरा नं 2435 ग्राम पंचायत के द्वारा प्रस्तावित किया गया है । इसी भूमि के कुछ भाग पर मनरेगा के तहत चारागाह का निर्माण भी किया गया है ,जो कि ग्रामवासियों का निस्तारी का एक मात्र साधन है ।पंच व ग्रामीण ने बताया कि ये जमीन किसी भी प्रकार से मनोरमा इंडस्ट्री को नही देना चाहते है । यह जमीन हमारे निस्तारी व मुक्तिधाम के लिए है । अगर प्रशासन देता है तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा ,वही कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने बताया कि आपत्ति आई है ,जिसकी जांच कराने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जायेगी ।