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महासमुंद 13 अगस्त 2025/ छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक धरती महासमुंद , जो कभी दक्षिण कोशल की राजधानी रही और सोमवंशी शासकों की गौरवशाली विरासत को संजोए है, आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन , जनप्रतिनिधियों की दूरदृष्टि और जिला प्रशासन के सार्थक परिश्रम के साथ एक नए टिकाऊ और संतुलित विकास की दिशा में आगे बढ़ रही है। यह वह भूमि है जहां सिरपुर जैसे प्राचीन सांस्कृतिक और धार्मिक स्थल महानदी के तट पर स्थापत्य, कला, धर्म, ज्ञान और विज्ञान के अद्भुत संगम का साक्षी बने खडी़ हैं। जिला निर्माण के पश्चात चुनौतियों से भरे नई संभावनाओं ने जिले को एक नई पहचान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अधोसंरचना विकास को लेकर सामाजिक सुरक्षा तक के विकास के हर पैमाने को बखूबी पूरा करता हुआ जिला अपना 27 वां वर्षगांठ मना रही है। विकास के विभिन्न पहलुओं की ओर नजर डाले तो खनिज संसाधन से लेकर, ऐतिहासिक और प्राचीन स्मारकों के लिए एक खास पहचान बना चुकी जिले में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है।

अधोसंरचना विकास में मील का पत्थर साबित होगा भालुकोना-जामनीडीह

हाल ही में बसना के भालुकोना-जामनीडीह क्षेत्र में निकल, क्रोमियम और प्लेटिनम समूह के तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि ने महासमुंद को राष्ट्रीय खनिज मानचित्र पर स्थापित कर दिया है। लगभग 3000 हेक्टेयर में फैली यह धरोहर जिले के आर्थिक भविष्य को नई गति देने का सामर्थ्य रखती है। इससे जिले में आर्थिक समृद्धि के द्वार खुलेंगे। लोगों को सुगम आवागमन के लिहाज से महासमुंद-तुमगांव-अछोला मार्ग, बरोंडा चौक से बम्हनी मार्ग, 23 सड़कों का पुनर्निर्माण और बेलसोंडा में रेलवे ओवर ब्रिज जैसे प्रोजेक्ट, जिन पर कई करोड रुपए का निवेश हो रहा है, जिले के कनेक्टिविटी तंत्र को नई ऊँचाई देंगे।

स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, पेयजल के लिए सार्थक पहल

वहीं स्वास्थ्य की दिशा में दिसंबर 2025 तक 321.80 करोड़ की लागत से आधुनिक सुविधाओं से युक्त मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निर्माण पूर्ण होगा, जो स्वास्थ्य सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण है। इसके निर्माण से न केवल जिले को बल्कि अंचल वासियों को भी लाभ पहुंचेगा। जिले के जागरूक और अध्ययनशील जनता के लिए 3328.20 वर्ग मीटर में बन रहा सर्वसुविधायुक्त जिला ग्रंथालय अध्ययन, ई-लाइब्रेरी, ओपन कैफेटेरिया, व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स और दिव्यांगजन के लिए अनुकूल सुविधाओं के साथ 500 से अधिक पाठकों को एक साथ पढ़ने का अवसर देगा। पेय जल की समस्या के निदान के लिए 66.57 करोड़ की लागत से समोदा-अछोला जल योजना के माध्यम से 48 ग्रामों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए कार्य प्रगति पर हैं। वहीं सिंचाई सुविधा के लिए गरियाबंद के सिकासेर जलाशय से महासमुंद में पानी लाने हेतु ड्रोन सर्वे प्रारंभ हो चुका है, जिससे बागबाहरा, महासमुंद और पिथौरा ब्लॉक के खेतों को सिंचाई सुविधा मिलेगी और जल संकट का समाधान होगा। स्वास्थ्य, पोषण, आजीविका और कौशल विकास की सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पीएम जनमन योजना अंतर्गत जिले में ग्राम धनसुली और जोरातराई में दो बहुउद्देशीय मॉडल केंद्रों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। पर्यटन और प्रकृति प्रेमियों के लिए कोडार जलाशय को इको-टूरिज्म केंद्र के रूप में विकसित कर बोटिंग, टेंटिंग और खेल सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसकी राष्ट्रीय राजमार्ग-53 से निकटता इसे एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य बना रही है।

जनभागीदारी से विकास को मिली नई गति

मोर गांव मोर पानी अभियान के तहत जनभागीदारी से जल संरक्षण कार्य तेजी से हो रहे हैं। अब तक 5 हजार सोखता गड्ढों, 1839 सोखपीट, 125 इंजेक्शन वेल एवं 25 बोरवेल रिचार्ज पूरे किए गए हैं। इस प्रयास से भूमिगत जल पुनर्भरण और जल स्तर बनाए रखने में सहायक होंगे। ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण दोनों की दिशा में प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत 319 घरों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित हो चुके हैं और 230 हितग्राहियों को सब्सिडी दी जा चुकी है। इसके अलावा आदिवासी बाहुल्य 77 विशेष पिछड़ी जनजाति गांवों में पहली बार पीएम जनमन योजना से बिजली पहुंच पाई है।

उपलब्धियों से नई पहचान बनी

आकांक्षी जिला एवं विकासखंड पिथौरा को छत्तीसगढ़ राज्य में ताम्र पदक से सम्मानित किया गया है वही पिथौरा विकासखंड को रजत पदक प्राप्त हुआ। यह पुरस्कार 6 संकेतांको में से तीन संकेताक को शतप्रतिशत पूर्ण करने पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा सम्मानित किया गया। नवकिरण कोचिंग संस्थान के तहत 1 नवंबर 2019 से निःशुल्क कोचिंग और पुस्तकालय सुविधा मिल रही है, जिसके परिणामस्वरूप 428 अभ्यर्थी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित हुए हैं। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन अभियान में 292 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित कर महासमुंद ने राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। डे-एनयूएलएम अवार्ड्स 2023-24 में स्वरोजगार घटक और उत्कृष्ट समग्र प्रदर्शन के लिए महासमुंद को राज्य में प्रथम स्थान मिला। स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति को मिले इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जिले के 9 लाख 86 हजार पात्र हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड बनना स्वास्थ्य सुरक्षा की बड़ी उपलब्धि है। महतारी वंदन योजना से 3 लाख 26 हजार माताओं को सम्मान, आर्थिक संबल और सहयोग मिला है।

खेल और शिक्षा का अद्भुत संगम

महासमुंद जिला खेल और तीरंदाजी के क्षेत्र में नई पहचान बना रहा है, जहां 23 खिलाड़ी देश की शीर्ष खेल अकादमियों में प्रशिक्षण ले रहे हैं। पद्मा साहू सहित कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता पाकर जिले का नाम रोशन किया है। एकलव्य आवासीय विद्यालय, विभिन्न स्कूलों व जिला स्तरीय केंद्रों ने प्रतिभाओं को तराशा है। बागबाहरा विकासखंड में शिक्षा विभाग व सुपर 40 संस्था द्वारा नवोदय एवं प्रयास प्रवेश परीक्षा की तैयारी हेतु विशेष प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें क्रमशः 400 और 450 विद्यार्थियों ने भाग लिया। विगत वर्ष चयनित 40 में से 2 नवोदय एवं 38 प्रयास आवासीय विद्यालय में सफल हुए थे।
महासमुंद जिले की यह उपलब्धि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व, जनप्रतिनिधियों के सतत प्रयास और जिला प्रशासन के क्रियान्वयन की प्रतिबद्धता का परिणाम हैं। महासमुंद आज विकास, संस्कृति, परंपरा और नवाचार का संगम बनकर प्रदेश के मानचित्र पर दृढ़ता से स्थापित है।

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