



26 दिसंबर 2025/ महासमुंद नगर में विद्युत पोल व तार बिछाने वाले श्रमिकों के साथ अगर कभी कोई बड़ा हादसा हो जाये तो ये आश्चर्य की बात नही है । ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योकि नगर के गौरव पथ पर लगाये गये 40 फुट ऊंचे पोल से तार खिंचने के लिए चढ़े श्रमिकों के सिर पर न तो हेलमेट है , न ही डिस्चार्ज राड और न ही सेफ्टी बेल्ट है । ऐसे में अगर कोई बड़ा हादसा इन श्रमिकों के साथ हो जाये ,तो जिम्मेदार कौन होगा ये एक बड़ा सवाल है ,पर ठेका लेने वाली फर्म , ठेका देने वाला पीडब्लूडी विभाग और निगरानी करने वाला विद्युत विभाग के अधिकारियों को कोई फर्क नही पड़ता । तभी तो वहां से गुजरते वक्त देखने एवं वहां खड़े होकर काम कराने के बावजूद सुरक्षा उपकरण मुहैया नही करवाते है और ये श्रमिक अपनी सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ काम करने को मजबूर है ।
महासमुंद नगर के बरोण्डा चौक से कलेक्टर कॉलोनी जाने वाली रोड़ को गौरव पथ बनाने के लिए सड़क का चौड़ीकरण , पेडो की कटाई एवं विद्युत पोलो की शिफ्टिंग का काम चल रहा है । 2.3 किमी लम्बी गौरव पथ के लिए 10 करोड़ स्वीकृत है । जिसमें से सवा करोड़ में विद्युत पोलो की शिफ्टिंग है। पोल लगाने व नये तार बिछाने का कार्य जांजगीर के एक फर्म को दिया गया है ,जो 11 KV , 33 KV के लाइन के लिए तीन टाइप के पोल लगा रहे है । जिनमें पोलो की ऊंचाई क्रमशः 13 मीटर , 11 मीटर एवं 9 मीटर है । संबंधित ठेकेदार को लगभग 60 से 70 पोल लगाकर , तार बिछाना है । जिसके लिए श्रमिकों को हेलमेट , डिस्चार्ज राड , हैंडग्लब , सेफ्टीबेल्ट सुरक्षा के तौर पर उपलब्ध कराना अनिवार्य है ,पर इन श्रमिकों को सुरक्षा के नाम पर कुछ भी मुहैया नही कराया गया है और श्रमिक बिना किसी सुरक्षा उपकरण के 13 मीटर ऊंचे लम्बे पोल पर चढ़कर काम करने को मजबूर है । ऐसा नही है कि पीडब्लूडी , विद्युत विभाग को पता नही है । जिले के सभी आला अधिकारी इसी सड़क से गुजरकर अपने कार्यालय जा रहे है , पर किसी की भी निगाह इस पर नही पड़ी और श्रमिक जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर है । इस संदर्भ में मीडिया ने जब विद्युत विभाग के कार्यपालन अभियंता से सवाल किया ,तो उन्होने स्पष्ट तौर पे कहा कि बिना सुरक्षा उपकरण के काम नही कराना है अगर ऐसा है तो उन्हें नोटिस जारी किया जायेगा ।
इस पूरे मामले में जब मीडिया ने कलेक्टर से सवाल किया तो उनका कहना है कि आपने संज्ञान में लाया है अभी संबंधित विभाग से बात कर उन्हें सुरक्षा उपकरण मुहैया कराया जायेगा ।
गौरतलब है कि ये कार्य विद्युत विभाग के निगरानी में हो रहा है उसके बावजूद विद्युत विभाग व कार्य एजेंसी पीडब्लूडी द्वारा कोई कार्यवाही नही किया जाना कई सवाल खडे करते है ।

