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17 जून 2025/ महासमुंद/ स्कूल खुलने से पहले शिक्षा विभाग सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण कर लेने का दावा करता है ,पर जब पाठ्यपुस्तक ही बच्चों को समय पर न मिले तो बच्चे स्कूल आकर क्या पढ़ाई करेंगे ये एक बड़ा सवाल है ? ऐसा ही कुछ नज़ारा महासमुंद जिले मे देखने को मिल रहा है । शिक्षा सत्र की शुरुआत हो गयी और स्कूलों में शाला प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है ,पर पहली से आठवीं तक के बच्चो को अभी तक पुस्तकें नही मिली । ऐसे में बच्चे स्कूल आकर क्या पढ़ाई करेंगे ? ये एक बड़ा सवाल है । जहां बच्चे व शिक्षक पुस्तक नही मिलने की बात कह रहे है ,वही आला अधिकारी यथा स्थिति की जानकारी लेकर व्यवस्था कराने की बात कह रहे है ।

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महासमुंद जिले मे प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों की संख्या 1768 है ,जिसमें 1276 प्राथमिक एवं 492 माध्यमिक स्कूल है । इन स्कूलों मे पहली से लेकर आठवीं तक कुल 1 लाख 7 हजार 366 छात्र- छात्रायें अध्ययनरत है । प्राथमिक स्कूल में 63042 एवं माध्यमिक में 44324 छात्र- छात्रायें है । जिनके लिए शिक्षा विभाग ने 1 लाख 38 हजार 466 पाठ्यपुस्तक के सेट की मांग की है ,पर अभी तक कुछ कक्षाओं के एकाद विषय की ही कुछ पुस्तके आई है । शिक्षा का नया सत्र 2025-26 की शुरुआत 16 जून से हो गयी है और नवप्रवेशी बच्चों का शाला प्रवेश उत्सव मनाया जा रहा है । शाला प्रवेश उत्सव में बच्चों को तिलक लगाकर गणवेश , पाठ्यपुस्तक देकर मिठाई खिलाकर बच्चों की पढ़ाई शुरु की जाती है , पर जिले में अभी तक पहली से आठवीं तक की पुस्तकें नही आने से बच्चों को वितरण नही किया गया है । बच्चे केवल कापी व पेन लेकर स्कूल आ रहे है । ऐसे में बच्चे क्या पढ़ेगे और शिक्षक क्या पढ़ायेगें ये एक बड़ा सवाल है । स्कूल आयी छात्रा चांदनी पटेल , कसी अंजुम ने बताया कि कापी , पेन लेकर आये है । पुस्तक अभी नही मिली है । गुरुजी जो लिखवायेगे उसे नोट कर लेगे ।

शासकीय प्राथमिक शाला खट्टी के सहायक शिक्षक सिराज बक्श ने बताया कि पुस्तकें नही मिली है ,पर पाठ्यक्रम में बदलाव नही हुआ होगा तो पिछले साल की पुस्तकों से बच्चों की पढ़ाई कराई जायेगी और उम्मीद है कि जल्द से जल्द पुस्तक आ जायेगी ।

इस पूरे मामले में जहां ब्लाक शिक्षा अधिकारी लीलाधर सिन्हा रटारटाया राग अलाप रहे है तो वही कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी से बातचीत कर व्यवस्था करायी जायेगी।

गौरतलब है कि स्कूल आ पढे़ बर , जिनगी ला गढे़ बर ऐसे स्लोगन शिक्षा विभाग जारी करता है ,पर स्कूल में बच्चों को जब समय पर पुस्तकें ही नही मिलेंगी तो बच्चे जिनगी कैसे गढे़गें ये एक बड़ा सवाल है । बहरहाल अब ये देखना होगा कि शिक्षा विभाग कब तक बच्चों को पाठ्यपुस्तक उपलब्ध करा पाती है ।

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