4 सितंबर 2025/ महासमुंद/ सांसद रायपुर लोकसभा बृजमोहन अग्रवाल के कर कमलों से प्रो (डॉ) अनुसुइया अग्रवाल डी लिट्, प्राचार्य स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय महासमुंद को वृंदावन सभागार रायपुर में 21000 रुपए के नकद राशि के साथ प्रशस्ति पत्र भेंट कर भूमिजा सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान उन्हें “जिंदगी ना मिलेगी दोबारा” सेवा संस्था के नौंवा स्थापना दिवस व सम्मान समारोह में श्रीमती मीनल चौबे महापौर रायपुर नगर निगम की अध्यक्षता में एक भव्य एवं वृहद कार्यक्रम में प्रदान किया गया। विदित हो कि अपने रचनाकर्म के जरिए डॉ अनुसुइया न केवल छत्तीसगढ़ अपितु राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी है। अनेक शोधार्थियों ने उनके निर्देशन में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त कर ली है। स्वयं उनके साहित्य पर भी शोधार्थी दुर्ग विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट की उपाधि हेतु शोध प्रबंध लेखन का कार्य कर रहे हैं। वे राष्ट्रीय स्तर की अनेक संस्थाओं से जुड़ी हुई है। राष्ट्रीय स्तर के अनेक पुरस्कार एव सम्मान भी उन्हें प्राप्त हो चुके हैं। लोकसाहित्य विद् के रूप में छत्तीसगढ़ में उनकी विशेष पहचान है। लगभग 40 वर्षों तक अध्यापन कार्य करने के उपरांत पदोन्नति पश्चात अब वे स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय महासमुंद में प्राचार्य के रूप में पदस्थ हैं। सम्मान हेतु उनके संपूर्ण रचना कर्म का अवलोकन एवं मूल्यांकन किया गया। नगद राशि एवं प्रशस्ति पत्र के बाद मोमेंटो, शाल श्रीफल एवं बुके देकर संस्थान की अध्यक्ष श्रीमती सुषमा तिवारी एवं संरक्षक अजय शर्मा के द्वारा भी उन्हें सम्मानित किया गया। रमा भारती स्मृति भूमिजा पुरस्कार की स्थापना श्रीमती सविता शर्मा पत्रकार एवं वरिष्ठ साहित्यकार एवं उनके परिजनों द्वारा नौ वर्ष पूर्व उनकी माताजी रमा शर्मा एवं बड़ी बहन भारती पांडेय की स्मृति में की गयी थी। महादेवी के स्तर की कवयित्री श्रीमती रमा शर्मा छत्तीसगढ़ के शीर्षस्थ स्वतंत्रता सेनानी, गांधीवादी नेता, समाजवादी चिंतक एवं यशस्वी अधिवक्ता कमलनारायण शर्मा की पत्नी एवं भारती पांडेय उनकी सुपुत्री थी।साहित्यकार श्रीमती सविता पाठक, समाजसेवी श्रीमती आभा मिश्रा, ब्राम्हण समाज मिलाई दुर्ग के संस्थापक सदस्य सुरेश पांडेय एवं पार्षद दीपक जायसवाल विशिष्ट अतिथि थे। सभा को संबोधित करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सेवा से बढ़कर दूसरा बड़ा काम नहीं हैं। चाहे वह किसी भी प्रकार की सेवा क्यों न हो,ये जो जिंदगी मिली है मनुष्य योनि का वह इसीलिए है कि यदि नेक दिल से सेवा का काम करोगे तो आपको कभी कोई परेशानी नहीं आयेगी। भूखे को भोजन ,जरूरतमंद को इलाज की सुविधा व गरीब बेटी की शादी,इन तीन चीजों को वे बहुत ही पुण्य का काम मानते हैं। पहले घरों में ये संस्कार था कि भोजन बनने पर पहली रोटी गौ माता और आखिरी कुत्ते के लिए निकाली जाती थी। यदि आज भी इसका पालन करें तो न गौ माता प्लास्टिक खायेगी और न कुत्ता किसी को काटेगा। महापौर मीनल चौबे ने भी संस्था के कामों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बहुत बड़ी बात है इतनी बड़ी टीम सेवा के काम में लगी हुई है। नगर निगम की ओर से उन्होने इस नेक काम में मदद का भरोसा भी दिलाया।स्थापना दिवस के अवसर पर अनेक व्यक्तियों व संस्थाओं को सम्मानित किया गया गया। कार्यक्रम का संचालन अमृतांशु शुक्ल ने किया। आभार प्रदर्शन संस्था की सचिव श्रीमती ममता शर्मा ने किया। इस अवसर पर संस्था से संतोष साहू, बिहारी लाल शर्मा, हेमलता तिवारी, चंद्रसेना दीवान ममता बड गैंया, श्वाती सोनी, रश्मि शर्मा, तृप्ति शर्मा, सीमा अग्रवाल, अनामिका दुबे, ज्योति शर्मा सीमा शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी व सभी सदस्यगण उपस्थित रहे।
