



3 दिसंबर 2025/ महासमुंद/ जिले में श्रम विभाग की लापरवाही के कारण औद्योगिक संस्थानों में श्रम कानून और कारखाना अधिनियमों का पालन नही होने के कारण औद्योगिक संस्थानों में काम करने वाले ठेका पद्धति के कर्मचारियों को कलेक्टर दर से भी कम पेमेंट, 8 घंटे से ज्यादा काम कर्मचारियों से लेना , सुरक्षा उपकरण मुहैया नही कराने की शिकायत आम हो गयी है । ताजा मामला 9 M इण्डिया लिमिटेड कम्पनी का है जिसमें कार्यरत लगभग 300 ठेका पद्धति के कर्मचारी ऐसी ही शिकायत लेकर विधायक आवास पहुंचे और उनसे फरियाद की । जहां कर्मचारी शोषण किये जाने का आरोप लगा रहे है , वही विधायक व श्रम अधिकारी कार्यवाही की बात कह रहे है
महासमुंद मुख्यालय से लगभग 13 किमी दूर है औद्योगिक क्षेत्र बिरकोनी , जहां 9M इण्डिया लिमिटेड कम्पनी दवा बनाती है । कम्पनी में अकशुल मजदूर( कर्मचारी ) ठेका पद्धति से रखे जाते है । 9 M दवा कंपनी में एक ठेकेदार को लाइसेंस है जो 130 कर्मचारियों को काम पर लगा सकता है ,पर ठेकेदार ने नियम विरुद्ध लगभग 250 से 300 कर्मचारियों को काम पर रखा है । जिनसे 8 घंटे काम लेने के बजाय 10 घंटे काम लिया जाता है । इन कर्मचारियों को नियमानुसार कलेक्टर दर के हिसाब से 11750 रुपये प्रत्येक माह पेमेंट मिलना चाहिए ,पर इन कर्मचारियों को 7500 रुपये से 8000 रुपये प्रति माह केवल वेतन मिलता है । सुरक्षा उपकरण के तौर पर मास्क मिलता है वो भी घर से धुलकर लाना पड़ता है । कर्मचारियों से दवाब पूर्वक काम लिया जाता है । जिससे परेशान होकर लगभग 250 सौ कर्मचारियों ने आज विधायक निवास पहुंचकर फरियाद की । कर्मचारी का आरती देवागन , नर्मता ध्रुव ने बताया कि हम लोगो से दवाबपूर्वक काम कराया जाता है और 225 रुपये से 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से पेमेंट दिया जाता है । शिकायत करने पर काम से निकाल देने की धमकी दी जाती है ।
इस पूरे मामले में विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने बताया कि हमें आज ही पता चला है । इस तरह के ठेकेदारो पर कार्यवाही की जायेगी ।
श्रम विभाग के आला अधिकारी डी एन पात्रा ने बताया कि समय- समय पर जांच की जाती है । ये मामला अब संज्ञान में आया है जिसकी जांच कराई जायेगी और रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जायेगी ।
गौरतलब है कि 9 M की कई दवाईया भी सीजीएमसी में अमानक पायी गयी है । आज 9 M के कर्मचारी कम वेतन , ज्यादा समय काम करवाने को लेकर शिकायत करने आये है और दो दिन पहले ऐसी ही शिकायत लेकर फ्लोटेक्स सोलर प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी आये थे ,जो श्रम विभाग के नियमित जांच पर प्रश्नचिह्न लगाता है ।

