14 दिसंबर 2024/ महासमुंद/ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महासमुंद, (छ0ग0) के सचिव दामोदर प्रसाद चन्द्रा द्वारा जानकारी दी गई कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश, श्रीमती अनिता डहरिया के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व मे जिला न्यायालय महासमुंद एवं तहसील पिथौरा, सरायपाली, बसना और बागबाहरा स्थित सिविल, श्रम न्यायालय एवं राजस्व न्यायालयों सहित कुल 25 खण्ड पीठों का गठन कर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत की उक्त सभी खण्ड पीठों में श्रमिक विवाद, बैंक रिकवरी प्रकरण, विद्युत एवं देयकों के अवशेष बकाया की वसूली और राजीनामा योग्य अन्य मामले के बकाया की वसूली संबंधी प्री-लिटिगेशन मामले, राजस्व न्यायालयों से संबंधित प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे। उक्त मामलों के अलावा राजीनामा योग्य दांडिक प्रकरण, परक्राम्य लिखत अधि0 की धारा-138 के अधीन परिवाद पर संस्थित मामले, मोटर दुर्घटना दावा संबंधी मामले तथा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा-135 (क) के तहत विद्युत चोरी के मामले तथा सिविल मामले भी नियत किये गये थे। उक्त खण्डपीठों में उपरोक्त सभी मामलों की सुनवाई करते हुए जिला महासमुंद स्थित विभिन्न न्यायालयों में प्रकरणों का निराकरण किया गया।इसी प्रकार प्री-लिटिगेशन संबंधित मामलों में बैंक रिकवरी के 63 प्रकरणों में 12 लाख 85 हजार 710 रूपए अवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार विद्युत के 599 प्रकरणों में 75 लाख 49 हजार 175 रूपए, श्रम प्रकरण के 16 मामलों में दो लाख 26 हजार रूपए, एमएसीटी के 27 प्रकरण में. दो करोड़ 71 लाख 45 हजार, एनआई एक्ट-138 के 79 प्रकरणों में 4 करोड़ 21 लाख 70 हजार 817 रूपए तथा इसके अन्य सिविल प्रकरणों का निराकरण अवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार राजीनामा योग्य 2807 दाण्डिक प्रकरणों में राजीनामा के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया गया। जिले के सभी तहसील एवं अनुभाग क्षेत्रों के राजस्व न्यायालयों के माध्यम से 52 हजार 560 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में् सुलह एवं समझौता के आधार पर विभिन्न खंडपीडों के माध्यम से लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया और उनमें रूपये 11 करोड़ 12 लाख 44 हजार 577 रूपए की राशि के आवार्ड पारित किए गए। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन में महासमुंद अधिवक्तागण एवं न्यायालय के कर्मचारियों का अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ।